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    SIR का फॉर्म लेकर घर पर आएंगे BLO, लिस्ट में नाम नहीं तो देने होंगे ये तीन दस्तावेज; पूरी डिटेल

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 07:22 PM (IST)

    मध्य प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू होगा। 2003 की सूची में नाम न होने पर पहचान के दस्तावेज देने होंगे। बीएलओ घर-घर जाकर फार्म देंगे। निर्वाचन आयोग ने यह तैयारी बिहार चुनाव के बाद शुरू की है। एसआईआर के लिए बीएलओ को ट्रेनिंग दी गई है। फार्म जमा न करने पर नाम काटा जा सकता है। अंतिम सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी।

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू होगा। जिनके नाम वर्ष-2003 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें नई सूची में अपना नाम कटने से बचाने के लिए पहचान के तीन दस्तावेज देना होगा। वहीं जिन लोगों के पिता का नाम इस मतदाता सूची में है, उन्हें पिता से संबंध का प्रमाण पेश करने के साथ पहचान का एक दस्तावेज देना अनिवार्य होगा। इसके लिए बीएलओ घर-घर जाकर इसका फार्म देंगे।

    दरअसल, बिहार चुनाव के पहले 65 लाख मतदाता के नाम काटने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश में भी सूची के गहन पुनरीक्षण की तैयारी शुरू कर दी है। जिसे एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) नाम दिया गया है। इस तरह की कवायद यहां 22 साल बाद होने जा रही है। एसआईआर के लिए मध्य प्रदेश में सभी 65 हजार 14 मौजूदा बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) की ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
     

    क्‍या-क्‍या दस्‍तावेज दिखाने होंगे?

    वर्तमान में  मध्य प्रदेश  में कुल पांच करोड़ 77 लाख 94 हजार 963 मतदाता हैं। एसआईआर में सबसे पहले यह देखा जाएगा कि इनमें से कितने नाम एक जनवरी 2003 की अंतिम गहन पुनरीक्षित मतदाता सूची में शामिल हैं। ऐसे मतदाता, जिनके नाम 2003 के एसआईआर में शामिल हैं, उन्हें कोई दस्तावेज नहीं दिखाना होगा। उन्हें सिर्फ अपनी प्रविष्टियों (डिटेल) की पुष्टि करनी है और गणना प्रपत्र भरकर जमा करना है। वे मतदाता जिनके माता या पिता में से कोई भी एक एक जनवरी 2003 तक वोटर लिस्ट में शामिल रहा है, उन्हें भी नामांकन के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा।

    भले ही उसका जन्म 1987 के पहले हुआ हो या बाद में। उन्हें सिर्फ माता-पिता का एपिक नंबर बताना होगा। ऐसे सभी वोटर जो 1987 के बाद जन्मे हैं और जिनका वोटर लिस्ट में एनरोलमेंट 2003 के बाद हुआ, उन्हें दस्तावेजों से साबित करना होगा कि वे भारतीय हैं और 2003 से पहले उनका और माता-पिता का नाम वोटर लिस्ट में कहां पर था।

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    जिनके न्यूमेरेशन फार्म प्राप्त नहीं होंगे उन मतदाताओं को नोटिस होंगे जारी

    28 अक्टूबर से 4 नवंबर तक नए बीएलओ का प्रशिक्षण कराया जाएगा। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बीएलओ घर-घर जाएगा और न्यूमेरेशन फार्म देगा। एक दिन बाद भरा हुआ फार्म कलेक्ट किया जाएगा। भरे हुए फार्म के आधार पर नौ दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन करेगा।


     इस मतदाता सूची पर किसी को आपत्ति है तो 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक आपत्तियां ली जाएगी। जो न्यूमेरेशन फार्म प्राप्त नहीं होंगे उन मतदाताओं को नोटिस दिया जाएगा कि क्यों न आपका नाम मतदाता सूची से विलोपित कर दिया जाए। संबंधित मतदाता का जवाब लेकर ईआरओ नौ दिसंबर से 31 जनवरी के बीच आदेश जारी करेगा। उसके आधार पर अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन सात फरवरी 2026 को किया जाएगा।

     
    बता दें कि जनप्रतिनिधित्व एक्ट 1950 के तहत अब तक कुल 15 बार एसआईआर कराई जा चुकी है। पहली एसआईआर 1952 में हुई थी और आखिरी 2003 में हुई।