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    गावों के विकास के लिए नाबार्ड ने दिए 1.59 लाख करोड़ रुपये, निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किए आंकड़े

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 11:02 PM (IST)

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को बताया कि नाबार्ड ने पिछले तीन सालों में ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकारों को 1.59 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया है जिसमें आरआईडीएफ के माध्यम से 1.23 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं। इसके अतिरिक्त नाबार्ड ने विभिन्न योजनाओं के तहत 6215 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को बढ़ावा दिया है।

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    लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। (फाइल फोटो)

    आईएएनएस, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने पिछले तीन वित्त वर्षों में ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए राज्य सरकारों को कर्ज सहायता के रूप में 1.59 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की है।

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    इसमें से 1.23 लाख करोड़ रुपये नाबार्ड के ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष (आरआईडीएफ) के माध्यम से और 36,439 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थान की अन्य योजनाओं के तहत दिए गए हैं। एक अन्य साल के जवाब में वित्त मंत्री ने बताया कि नाबार्ड ने अब तक विभिन्न योजनाओं के तहत 6,215 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन को बढ़ावा दिया है।

    बैंकों ने 55.9 करोड़ जन-धन खाते खोले

    वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में कहा कि सरकार वित्तीय समावेशन को मजबूत करने और सभी नागरिकों तक बुनियादी बैंकिंग सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबंध है। उन्होंने कहा कि अगस्त 2014 में प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत ने बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को बैंकिंग सुविधा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। अब तक पीएमजेडीवाई के तहत 55.90 करोड़ से ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं। बैंकों की वित्तीय समावेशन योजनाओं को मजबूत बनाने और लाभार्थियों के बैंक खातों में पुन: केवाईसी के लिए एक जुलाई से तीन महीने का एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया है जो 30 सितंबर 2025 को समाप्त होगा।

    कोलियर्स इंटरनेशनल के खातों का निरीक्षण जारी

    कारपोरेट मामलों के राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा ने लोकसभा में बताया कि कोलियर्स इंटरनेशनल (इंडिया) प्रापर्टी सर्विसेज लिमिटेड के खातों का निरीक्षण चल रहा है। उन्होंने कहा कि सेवाओं में कमी के कारण एनएचएआइ ने 10 अप्रैल, 2015 को एनएच-12 के फरक्का-रायगंज खंड से संबंधित संरचनाओं के मूल्यांकनकर्ता के रूप में कोलियर्स इंटरनेशनल (इंडिया) प्रापर्टी सर्विसेज की सेवाएँ समाप्त कर थीं।

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