जल्द शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, चीन-भारत के बीच हुई हाईलेवल मीटिंग; इन मुद्दों पर भी बनी सहमति
बुधवार को भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के स्तर पर वार्ता हुई। इसमें नाथुला सीमा पर भारत-चीन के बीच बंद कारोबार भी शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया गया है। वहीं कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत जल्द होने की संभावना है। विशेष प्रतिनिधि (एसआर) स्तर की वार्ता भारत के एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की अगुआई में हुई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत जल्द होने की संभावना है। बुधवार को भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के स्तर पर हुई वार्ता में इस बारे में न सिर्फ सहमति बनी, बल्कि आवश्यक निर्देश भी दे दिए गए हैं।
साथ ही सिक्किम स्थित नाथुला सीमा पर भारत-चीन के बीच बंद कारोबार भी शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया गया है। यह सहमति भी बनी कि दोनों देशों के बीच साझा नदियों के जल बंटवारे पर बंद पड़ी वार्ता की भी शुरुआत की जाएगी।
एसआर स्तर की हुई बातचीत
विशेष प्रतिनिधि (एसआर) स्तर की वार्ता भारत के एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की अगुआई में हुई। एसआर स्तर की बातचीत दोनों देशों के बीच वर्ष 2005 से हो रही है, जिसका उद्देश्य सीमा विवाद का स्थायी समाधान निकालना है।
यह 23वीं दौर की एसआर वार्ता थी, जो वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवाद शुरू होने के बाद से बंद थी। एसआर वार्ता के बाद दोनों देशों की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि यह वार्ता काफी सकारात्मक माहौल में हुई।
कजान की मुलाकात में हुआ था फैसला
भारत की तरफ से बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच कजान में हुई मुलाकात में यह फैसला किया गया था कि एसआर स्तर की बातचीत शुरू की जाएगी, ताकि सीमा पर अमन-शांति बहाल हो सके और सीमा से जुड़े मुद्दे का निष्पक्ष, उचित और दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान निकाला जा सके।
दोनों प्रतिनिधियों ने इस बात पर जोर दिया कि राजनीति नेतृत्व की तरफ से मिले निर्देश के मुताबिक सीमा विवाद का समाधान निकाला जाना चाहिए और इसके लिए मौजूदा प्रक्रिया को और ज्यादा गतिशील बनाया जाएगा। वर्ष 2020 में भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में उपजे तनाव की समाप्ति पर बनी सहमति के बाद यह पहली बैठक थी।
पशु चराने पर भी बनी सहमति
विशेष प्रतिनिधियों ने इस बात पर जोर दिया कि अक्टूबर, 2024 में संबंधित क्षेत्रों में गश्त और पशुओं को चराने की अनुमति देने के संबंध में बनी सहमति को लागू करना सकारात्मक रहेगा। साथ ही कहा कि सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमा पर शांति बनाए रखना बहुत जरूरी है।
वर्ष 2020 के घटनाक्रम से सबक सीखते हुए सीमा पर शांति व्यवस्था बनाए रखने व सीमा प्रबंधन के लिए कई विकल्पों व नए सुझावों पर भी विमर्श किया गया। यह फैसला किया गया कि इस संदर्भ में कदम उठाने के लिए संबंधित कूटनीतिक व सैन्य व्यवस्थाओं के बीच आवश्यक समन्वय किया जाएगा व निर्देश दिया जाएगा।
मानसरोवर की यात्रा होगी शुरू
चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि दोनों पक्ष सीमा पार विनिमय और सहयोग मजबूत बनाने की कोशिश जारी रखने को सहमत हैं। भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर की यात्रा और नाथुला में कारोबार फिर शुरू करने पर सहमति बनी है।
उक्त तीनों मामलों के बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि इनके लिए सकारात्मक निर्देश दिए गए हैं। सनद रहे कि नाथुला में काफी अरसे से भारत व चीन के बीच कारोबार होता रहा है। 1962 के युद्ध के बाद यह बंद कर दिया गया था। बाद में 2006 में इसकी शुरुआत हुई थी। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को देखते हुए यह फिर बंद कर दिया गया था।
नाथुला से शुरू होगा कारोबार
चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है, लेकिन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार की दिशा व दशा को लेकर कोई भी आधिकारिक वार्ता नहीं होती है। बहुत संभव है कि नाथुला से कारोबार की शुरुआत करने के लिए दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रालयों के अधिकारियों की बैठक हो।
अगले वर्ष होगी वार्ता
विशेष प्रतिनिधि स्तर की अगली बातचीत अब भारत में अगले वर्ष होगी।बीजिंग में डोभाल ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की। इस दौरान हान ने कहा कि चीन और भारत को द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास के रास्ते पर वापस लाने के लिए धीरे-धीरे संस्थागत वार्ता के साथ-साथ अर्थव्यवस्था, व्यापार और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को फिर शुरू करना चाहिए।
जबकि डोभाल ने कहा कि भारत, चीन के साथ रणनीतिक संचार को मजबूत करने, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का विस्तार करने तथा द्विपक्षीय संबंधों के विकास में नई गति लाने का इच्छुक है।
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