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    Income Tax New Rules: एक अप्रैल 2026 से बदलेगा TDS का फॉर्म, इनकम टैक्स से जुड़े कानून में भी होगा बदलाव

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 08:50 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने नया इनकम टैक्स कानून अधिसूचित कर दिया है जो 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। इस नए कानून में शब्दों की संख्या घटाकर और अध्यायों को कम कर टैक्स प्रणाली को सरल बनाया गया है। इसमें आयकर विभाग को सर्च के दौरान डिजिटल डेटा लेने का अधिकार दिया गया है लेकिन अधिकारियों ने...

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    एक अप्रैल 2026 से लागू होंगे इनकम टैक्स से जुड़े नए कानून, आम लोगों पर क्या होगा असर?

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य (विधान) आरएन प्रबात का कहना है कि आयकर विभाग की सर्च के दौरान अधिकारियों द्वारा लिए गए डिजिटल डाटा का इस्तेमाल डाटा सुरक्षा कानून एवं अन्य कानून के दायरे में ही किए जाएंगे।

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    इनकम टैक्स के नए कानून में सर्च के दौरान अधिकारियों को लैपटाप, ई-मेल व अन्य डिजिटल दस्तावेज लेने का अधिकार दिया गया है। इनकम टैक्स के नए कानून को अधिसूचित कर दिया गया है। इसके एक अप्रैल 2026 से लागू किया जाएगा।

    क्‍या है नया कानून?

    नए कानून के संबंध में जानकारी देते हुए प्रबात ने बताया कि सर्च में आगे की जांच के लिए जो डिजिटल दस्तावेज लिए जाएंगे, उनके इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश बनाए जाएंगे और डाटा सुरक्षा कानून एवं अन्य कानून के दायरे में ही उनका इस्तेमाल किया जाएगा। जल्द ही सरकार डाटा सुरक्षा कानून को भी लागू करने जा रही है।

    नए इनकम टैक्‍स कानून से क्‍या फायदा होगा?

    उन्होंने कहा कि टैक्स के नए कानून के अमल में आने पर कारोबारियों से लेकर वेतनभोगियों तक के लिए प्रविधानों को समझना और उस पर अमल करना आसान हो जाएगा। इनकम टैक्स रिटर्न से लेकर टीडीएस से जुड़े तिमाही फार्म के प्रारूप को भी बदलने की तैयारी है। इनकम टैक्स के अधिकारियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।

    उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से सरकार का उद्देश्य इनकम टैक्स के नए कानून को बिल्कुल सरल बनाना था जिसे ध्यान में रखते हुए ही नए कानून में शब्दों की संख्या को घटाकर 2.67 लाख कर दिया गया है, जबकि वर्तमान इनकम टैक्स कानून में शब्दों की संख्या 5.12 लाख है। 46 अध्याय को घटाकर 23 कर दिया गया है।

    वहीं, टेबल की संख्या बढ़ा दी गई है ताकि लोग इसे देखकर ही कानून को आसानी से समझ सके। टेबल की संख्या को 18 से बढ़ाकर 57 कर दिया गया है। कानून को लिखने के तरीके में भी बदलाव किया गया है और अस्पष्ट शब्दों को हटा दिया गया है। हर सेक्शन में कई फालतू के प्रविधान थे और उन्हें भी हटा दिया गया है।

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