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    अंतरिक्ष में फिर कारनामा करेगा भारत, धरती की होगी निगरानी; जानिए NISAR सैटेलाइट की कहानी

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 10:00 PM (IST)

    इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) को 30 जुलाई को जीएसएलवी-एस16 से लॉन्च किया जाएगा। निसार धरती की निगरानी करने वाला सेटेलाइट है जो हर मौसम में 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें ले सकता है। यह भूस्खलन का पता लगाने आपदा प्रबंधन में मदद करने और जलवायु परिवर्तन पर नजर रखने में सहायक होगा।

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    नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार)। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा है कि पृथ्वी पर नजर रखने वाले सेटेलाइट नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) को 30 जुलाई, बुधवार को भारतीय राकेट जीएसएलवी-एस16 से लांच किया जाएगा।

    निसार के साथ जीएसएलवी-एस16 राकेट श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरेगा और सेटेलाइट को कक्षा में स्थापित करेगा। 2,392 किलोग्राम वजन वाला निसार धरती की निगरानी करने वाला सेटेलाइट है। इसमें नासा की तरफ से तैयार एल-बैंड और इसरो की ओर से विकसित एस-बैंड रडार लगाया गया है, जिन्हें विश्व में सबसे उन्नत माना जा रहा है। इसरो और नासा मिलकर पहली बार ऐसा सेटेलाइट लांच कर रहे हैं जो पूरी धरती पर नजर रखेगा।

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    'सेटेलाइट से होगा पूरे विश्व को लाभ'

    नारायणन ने रविवार को कहा, निसार हर मौसम में 24 घंटे पृथ्वी फोटो खींच सकता है। यह भूस्खलन का पता लगा सकता है, आपदा प्रबंधन में मदद कर सकता है और जलवायु परिवर्तन पर भी नजर रख सकता है। इस सेटेलाइट से भारत, अमेरिका और पूरे विश्व को लाभ होगा। यह पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी के लिए भी महत्वपूर्ण है।

    2027 में लॉन्च होगा गगनयान मिशन

    भारत के मानव अंतरिक्ष यान मिशन, गगनयान के बारे में नारायणन ने बताया कि इस साल दिसंबर में व्योममित्र नामक मानव राबोट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके सफल होने के बाद अगले साल दो अन्य मानवरहित मिशन भी लांच किए जाएंगे। इस सफलता के बाद गगनयान मिशन मार्च 2027 में लांच किया जाएगा। गगनयान मिशन में पृथ्वी की 400 किलोमीटर पर स्थित निचली कक्षा में तीन अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जाएगा। इसके बाद पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी भी कराई जाएगी।

    आईएएनएस के अनुसार अन्य प्रमुख मिशनों पर अपडेट देते हुए इसरो प्रमुख ने बताया कि आदित्य-एल1 सौर उपग्रह ने सौर अनुसंधान डाटा भेजना शुरू कर दिया है। विज्ञानी सौर गतिविधि की गहन जानकारी के लिए इस डाटा का विश्लेषण कर रहे हैं। इसरो प्रमुख ने भारत के आगामी चंद्र मिशनों की प्रगति के बारे में भी बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि चंद्रमा से मिट्टी के नमूने वापस लाने के लिए डिजाइन किया गया चंद्रयान-4 सफल होगा।

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