बिछुआ गांव में विकास के दावों की खुली पोल, सड़क न होने से घायल किसान को खाट पर उठाकर लाए ग्रामीण
गोटेगांव के बिछुआ गांव में सड़क न होने से एक घायल किसान को ग्रामीणों ने खाट पर उठाकर तीन किलोमीटर दूर पहुंचाया। एंबुलेंस सड़क तक नहीं पहुंच सकी। ग्रामीणों ने प्रशासन से कई बार सड़क बनवाने की गुहार लगाई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यह घटना विकास के दावों की पोल खोलती है।

सड़क न होने से घायल किसान को खाट पर उठाकर लाए ग्रामीण।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जहां एक ओर सरकारें विकास के बड़े-बड़े दावे करती हैं, वहीं गोटेगांव जनपद के अंतर्गत आने वाले बिछुआ गांव की तस्वीर इन दावों की हकीकत बयां कर रही है। गांव में पक्की सड़क न होने की गंभीर समस्या शनिवार को हुए एक दर्दनाक हादसे के बाद फिर उजागर हो गई, जिसने ग्रामीणों की परेशानी को बढ़ा दिया है।
जानकारी के अनुसार, बिछुआ गांव के एक किसान का खेत में काम करते समय ट्रैक्टर पलट गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीणों ने तत्काल सहायता के लिए एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन गांव तक कोई पक्की सड़क न होने के कारण एंबुलेंस मौके तक नहीं पहुंच सकी। मजबूरन, गांव के लोगों ने घायल किसान को खाट पर बैठाकर अपने कंधों पर उठाया।
खाट पर बैठाकर मरीज को एंबुलेंस तक पहुंचाया
उन्हें करीब तीन किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक पैदल चलना पड़ा, जहां एंबुलेंस खड़ी थी। इसके बाद किसान को अस्पताल पहुंचाया जा सका। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली घटना नहीं है। जब भी गांव में कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है या कोई आपात स्थिति आती है, तो उन्हें इसी तरह खाट या अन्य साधन से मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है।

विकास के दावों की पोल खोलती तस्वीर
ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से पक्की सड़क निर्माण की मांग की है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। गांव की यह तीन किलोमीटर लंबी कच्ची सड़क विकास के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है।

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