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    'कोई व्यक्ति संस्थान से बड़ा नहीं है' मेहली मिस्त्री ने टाटा ट्रस्ट्स से नाता तोड़ा

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 12:18 AM (IST)

    मेहली मिस्त्री ने टाटा ट्रस्ट से नाता तोड़ लिया है। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा सहित सभी ट्रस्टियों को लिखे पत्र में मिस्त्री ने कहा है कि रतन टाटा का हमेशा यह मानना था कि ट्रस्ट किसी विवाद में नहीं फंसे और किसी भी विवाद को बढ़ाने से ट्रस्ट की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचेगी। 

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    रतन टाटा का हवाला देते हुए मेहली मिस्त्री ने टाटा ट्रस्ट्स से नाता तोड़ा (फोटो- एक्स)

    एएनआइ, मुंबई। मेहली मिस्त्री ने टाटा ट्रस्ट से नाता तोड़ लिया है। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा सहित सभी ट्रस्टियों को लिखे पत्र में मिस्त्री ने कहा है कि रतन टाटा का हमेशा यह मानना था कि ट्रस्ट किसी विवाद में नहीं फंसे और किसी भी विवाद को बढ़ाने से ट्रस्ट की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचेगी।

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    टाटा ट्रस्ट में ट्रस्टी के रूप में मिस्त्री की भूमिका समाप्त

    उन्होंने कहा, 'रतन टाटा ने हमेशा जनहित को पहले रखा है और मुझे पूरी उम्मीद है कि भविष्य में ट्रस्टियों के काम सुशासन और जनहित के द्वारा निर्देशित होंगे। कोई भी उस संस्थान से बड़ा नहीं है, जिसकी वह सेवा करता है।'

    इस वर्ष 27 अक्टूबर को, टाटा ट्रस्ट में ट्रस्टी के रूप में मिस्त्री की भूमिका समाप्त हो गई थी। पिछले साल 17 अक्टूबर को टाटा ट्रस्ट्स के न्यासी बोर्ड द्वारा लिए गए प्रस्ताव के अनुसार, मिस्त्री को आजीवन ट्रस्टी के रूप में पुनर्नियुक्त किया जाना था। हालांकि, उनकी पुनर्नियुक्ति को मंजूरी नहीं मिली, क्योंकि तीन ट्रस्टियों ने इसकी मंजूरी नहीं दी थी।

    मिस्त्री ने महाराष्ट्र चैरिटी कमिश्नर के समक्ष एक कैविएट भी दाखिल की थी

    मिस्त्री ने महाराष्ट्र चैरिटी कमिश्नर के समक्ष एक कैविएट भी दाखिल की थी, जिसमें अनुरोध किया गया था कि ट्रस्टियों की सूची में कोई भी संशोधन करने से पहले उन्हें सुनवाई का अवसर दिया जाए। मिस्त्री ने अब सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए टाटा ट्रस्ट्स से अपने इस्तीफे की घोषणा आधिकारिक तौर पर कर दी है। टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस है, जिसके पास ग्रुप की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

    ऐसे शुरू हुआ विवाद

    दरअसल, ये विवाद सितंबर, 2025 में तब शुरू हुआ जब टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड की बैठक में कुछ ट्रस्टीज ने पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह को टाटा संस के बोर्ड से नामित सदस्य के तौर पर हटाने का फैसला किया। विजय सिंह 77 साल के हैं और इन्हें नोएल टाटा का करीबी माना जाता है। नोएल टाटा रतन टाटा के चचेरे भाई हैं और रतन टाटा की मौत के बाद ट्रस्ट्स के चेयरमैन बने हैं।

    ट्रस्ट में दो गुट बन गए हैं

    ट्रस्ट में दो गुट बन गए हैं। एक गुट नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासन का है। दूसरा गुट मेहली मिस्री जैसे ट्रस्टीज का है जो विजय सिंह के खिलाफ थे। आरोप लगा कि नामित सदस्य बोर्ड की पूरी जानकारी ट्रस्ट्स तक नहीं पहुंचा रहे थे।

    इसके अलावा टाटा इंटरनेशनल कंपनी को 1000 करोड़ रुपये की फंडिंग पर भी झगड़ा हुआ क्योंकि कंपनी घाटे में चल रही है। इस कलह से टाटा ग्रुप की स्थिरता पर सवाल उठने लगे। यह विवाद इतना बढ़ गया कि उच्च सरकारी अधिकारियों को बीच में आना पड़ा।

     टाटा ग्रुप की स्थिरता जरूरी है

    सूत्रों के मुताबिक सरकार ने कहा कि टाटा ग्रुप की स्थिरता जरूरी है क्योंकि ये भारत की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है। दोनों पक्षों को शांत रहने और बातचीत से हल निकालने की सलाह दी गई।

    रीढ़ की हड्डी है टाटा ट्रस्ट

    टाटा ट्रस्ट टाटा ग्रुप की रीढ़ की हड्डी की तरह है। ये ट्रस्ट टाटा संस नामक कंपनी के करीब 66 प्रतिशत शेयर रखते हैं। टाटा संस ही पूरा टाटा ग्रुप चलाती है, जिसमें टाटा मोटर्स टाटा स्टील जैसी सैकड़ों कंपनियां आती हैं। ट्रस्ट्स को मिलने वाले लाभांश यानी डिविडेंड सीधे सामाजिक कामों पर खर्च होते हैं।

    साथ ही ट्रस्ट टाटा संस के बोर्ड में अपने नामित सदस्य भेजते हैं जो महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं। बिना ट्रस्ट्स के टाटा ग्रुप का कोई बड़ा कदम आगे नहीं बढ़ सकता। टाटा ट्रस्ट की शुरुआत 1892 में जामशेदजी टाटा ने की थी जब उन्होंने समाज सेवा के लिए एक फंड बनाया।

    रतन टाटा ने सर रतन टाटा ट्रस्ट बनाया

    जामशेदजी टाटा ग्रुप के संस्थापक थे और उनका मानना था कि कमाई का बड़ा हिस्सा गरीबों की भलाई पर लगाना चाहिए। 1919 में उनके बेटे सर रतन टाटा ने सर रतन टाटा ट्रस्ट बनाया।

    फिर 1932 में दूसरे बेटे सर दोराबजी टाटा ने सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट की स्थापना की। ये दोनों ट्रस्ट सबसे बड़े हैं। बाद में 1974 में नवाजबाई रतन टाटा ट्रस्ट भी बना। कुल मिलाकर ये ट्रस्ट टाटा परिवार की सदियों पुरानी परंपरा का हिस्सा हैं जो समाज को मजबूत बनाने पर जोर देते हैं।