दीवाली के बाद बिगड़ी पूरे उत्तर भारत की आबो-हवा, दोगुना हुआ प्रदूषण का स्तर; बिछी जहरीली धुंध की चादर
दीवाली के बाद उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) दोगुना हो गया है, खासकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और नोएडा में स्थिति गंभीर है। पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर और जबलपुर सबसे प्रदूषित शहर रहे।

दीवाली बाद उत्तर भारत में प्रदूषण (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दीवाली पर हुई आतिशबाजी के कारण पूरा उत्तर भारत जहरीली हवा की चपेट में है। प्रदूषण का स्तर लगभग दोगुना होने के कारण कई जगह एयर क्वालिटी इंडेक्स यंत्रों ने काम करना बंद कर दिया है। हालत यह है कि लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। हृदय और सांस रोगियों की परेशानी बढ़ गई है। बच्चों और बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें आ रही हैं और बड़ी संख्या में लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं।
एनसीआर से जुड़े उप्र के गाजियाबाद व नोएडा शहर में सांस लेना मुश्किल है। संतोष की बात यह है कि लखनऊ, प्रयागराज व बरेली जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता पर नियंत्रण बना रहा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद व नोएडा शहर का एक्यूआइ 300 के पार पहुंच गया है जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। यहां दीपावली के बाद भी हवा काफी जहरीली है।
यूपी के इन शहरों का रहा बुरा हाल
मेरठ शहर का एक्यूआइ 260, गाजियाबाद का 316 और नोएडा 325 दर्ज हुआ है। वाराणसी में एक्यूआइ पिछले वर्ष से थोड़ा अधिक 118 रहा है। वर्ष 2024 में 80 व 2023 में 108 रहा था। बरेली का एक्यूआइ पूरे प्रदेश में सबसे कम रहा है। यहां इस बार एक्यूआइ 89 रहा जबकि वर्ष 2024 में 90 व वर्ष 2023 में 91 अंक का आंकड़ा था। बिहार में पटना का एक्यूआइ 133 था। दीवाली के एक दिन बाद पटना, गयाजी, दरभंगा, भागलपुर, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर में एक्यूआइ 150-300 के बीच थी।
जबकि, बुधवार को पटना के एक्यूआइ में कमी आई और यह 190 दर्ज किया गया। बीते वर्ष दीपावली पर पटना का एक्यूआइ 230 था। पंजाब में 500 तक पहुंचा एक्यूआइ का स्तरपंजाब में दीवाली के बाद प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को दीवाली व मंगलवार को बंदी छोड़ दिवस की रात पटाखों के धुएं से अमृतसर और जालंधर का एक्यूआइ का स्तर 500 पार कर गया।
हिमाचल में भी स्थिति रही खराब
जहीरीली हवा के बीच सांस लेना मुश्किल हो गया है। हिमाचल प्रदेश में भी स्थिति ऐसी ही रही। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वायु गुणवत्ता निगरानी रिपोर्ट के अनुसार, दीवाली से पहले तक एक्यूआइ 67 था, जो दीवाली के दिन 99 पहुंच गया। औद्योगिक नगर बद्दी में पहले 138 और बाद में 167 रहा। शिमला में हवा अपेक्षाकृत साफ रही।
यहां दीपावली से पहले एक्यूआइ 33 था, जो बढ़कर 57 हो गया। चंडीगढ़ में दीवाली से पहले एक्यूआइ 120 से नीचे रहा, लेकिन आतिशबाजी के कारण 318 तक पहुंच गया। उत्तराखंड अधिकांश शहरों पर एक्यूआइ मध्यम से संतोषजनक श्रेणी पर रहा है।
जम्मू में सामान्य तौर पर एक्यूआइ 100 के आसपास रहता है, जो दीवाली के बाद 196 तक पहुंच गया। मप्र में ग्वालियर व जबलपुर सबसे प्रदूषित शहर रहेमप्र में ग्वालियर और जबलपुर सबसे प्रदूषित शहर बने, जबकि भोपाल और इंदौर की हवा भी जहरीली हो गई। रात नौ बजे से सुबह चार बजे तक इन शहरों में निवासियों को बारूदी धुएं से सांस लेने में कठिनाई हुई। ग्वालियर के डीडी नगर में औसत एक्यूआइ 364 दर्ज किया गया, जबकि जबलपुर के गुप्तेश्वर में भी यही स्थिति रही।
एमपी में भी शहरों की हवा हुई खराब
इंदौर में एक्यूआइ 362 रहा। सागर में औसत एक्यूआइ 341 रहा, जो चौंकाने वाला है। भोपाल में पटाखों के फूटने के साथ ही हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आई, जहां एक्यूआइ 355 से शुरू होकर 761 तक पहुंचा। राजस्थान का भिवाड़ी देश के सर्वाधिक प्रदूशित शहरों में शामिल रहा है। यहां एक्यूआइ का स्तर 338 रहा है। कोलकाता और हावड़ा शहर में बुधवार सुबह वायु गुणवत्ता खराब रही। बंगाल में हावड़ा के बेलूर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 213 था।
दीवाली से एक दिन पहले व एक बाद का AQI का स्तर
- अमृतसर 66--500
- जालंधर 133--500
- देहरादून 64--124
- चंडीगढ़ 120--318
- बद्दी 138--167
- शिमला 33--57
- पटना 133--190
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