आरजी कर डॉक्टर दुष्कर्म-हत्याकांड के बाद सड़कों पर हुए विरोध प्रदर्शन, आरोपी को हुई उम्रकैद; जानें इस मामले में अब तक क्या हुआ
पिछले वर्ष 9 अगस्त को 26 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर की आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इससे देश भर के चिकित्सक समुदाय में आक्रोश फैल गया था। इस मामले में सीबीआई ने आरोपित सामाजिक कार्यकर्ता संजय राय को गिरफ्तार किया था जिसे इस साल जनवरी में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पिछले वर्ष 9 अगस्त को 26 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर की आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इससे देश भर के चिकित्सक समुदाय में आक्रोश फैल गया था। इस मामले में सीबीआई ने आरोपित सामाजिक कार्यकर्ता संजय राय को गिरफ्तार किया था, जिसे इस साल जनवरी में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। सीबीआई ने उम्र कैद को फांसी में बदलने के लिए उच्च न्यायालय में अपील की है। संजय राय की सजा को फांसी में तब्दील करने को लेकर कोलकाता मार्च निकाले जा रहे हैं।
महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जाता है कोलकाता
महिलाओं की सुरक्षा के मामले में कोलकाता राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे सुरक्षित माना जाता है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर आरजी कर डॉक्टर दुष्कर्म-हत्याकांड मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था।
एक सत्र अदालत ने डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के दोषी पाए जाने पर रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हालांकि, पीड़िता के परिवार ने इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद से कथित रूप से जांच पूरी न होने के मुद्दे पर मुलाकात करने के लिए दिल्ली का दौरा किया था।
सड़कों पर आज भी निकाले जा रहे मार्च
शुक्रवार और शनिवार की मध्य रात्रि में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के छात्रों ने जनता के साथ मिलकर मशाल जुलूस निकाला और धरना दिया। वहीं, आज भी इस तरह का मार्च निकाले जाने की संभावना है।
पढ़ें इस घटनाक्रम में अब तक क्या हुआ....
- 9 अगस्त, 2024: ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला।
- 10 अगस्त, 2024: कोलकाता पुलिस ने मुख्य और एकमात्र आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया।
- 12 अगस्त, 2024: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्राचार्य डॉ. संदीप घोष ने पद छोड़ा; राज्य सरकार ने अस्पताल अधीक्षक का तबादला किया।
- 13 अगस्त, 2024: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामला सीबीआई को सौंपा।
- 15 अगस्त, 2024: आधी रात के विरोध प्रदर्शन के बीच, भीड़ अस्पताल परिसर में घुस गई और आपातकालीन वार्ड में तोड़फोड़ की।
- 17 अगस्त, 2024: देश भर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं क्योंकि डॉक्टरों ने पीड़िता के साथ एकजुटता दिखाते हुए भारतीय चिकित्सा संघ के 24 घंटे के लिए चिकित्सा सेवाएं बंद करने के आह्वान में शामिल हुए।
- 18 अगस्त, 2024: सर्वोच्च न्यायालय ने मामले का संज्ञान लिया।
- 20 अगस्त, 2024: तीन न्यायाधीशों की पीठ ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार, कोलकाता पुलिस और अस्पताल प्रशासन की आलोचना की। न्यायालय ने स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए 10 सदस्यीय कार्यबल का भी गठन किया है।
- 21 अगस्त, 2024: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने अस्पताल की सुरक्षा का कार्यभार संभाला।
- 2 सितंबर, 2024: सीबीआई ने रॉय को गिरफ्तार किया
- 14 सितंबर, 2024: मुख्यमंत्री बनर्जी ने चिकित्सकों से हड़ताल समाप्त करने का आग्रह करने के लिए धरना स्थल का दौरा किया
- 5 अक्टूबर, 2024: डॉक्टरों ने भूख हड़ताल शुरू की
- 7 अक्टूबर, 2024: सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया
- 24 अक्टूबर, 2024: सीएम बनर्जी से मुलाकात के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली
- 11 नवंबर, 2024: मामले की सुनवाई शुरू हुई
- 16 जनवरी, 2025: सुनवाई समाप्त हुई
- 18 जनवरी, 2025: अदालत ने रॉय को दोषी ठहराया
- 20 जनवरी, 2025: आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई
- 22 जनवरी, 2025: सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में मृत्युदंड के लिए अपील की
- 28 मार्च, 2025: सीबीआई ने उच्च न्यायालय में सामूहिक दुष्कर्म की संभावना से इनकार किया
- जुलाई 2025: रॉय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में दोषसिद्धि के खिलाफ अपील की और खुद को निर्दोष बताया
- 9 अगस्त, 2025: पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर कोलकाता में विरोध प्रदर्शन आज भी जारी हैं। पीड़िता के परिवार ने शनिवार को राज्य सचिवालय तक मार्च निकाला था।
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