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    दीवाली-छठ में चलाई जा रहीं 13 हजार से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें, लालू-राहुल के दावों को रेलवे ने किया खारिज 

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 09:00 PM (IST)

    राजद नेता लालू प्रसाद और राहुल गांधी ने छठ पर बिहार आने वाले यात्रियों की दुर्दशा पर सवाल उठाए, जिसके जवाब में रेलवे मंत्रालय ने कहा कि यात्रियों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। रेलवे ने बताया कि इस दिवाली-छठ पर सवा करोड़ से ज़्यादा लोग यात्रा कर चुके हैं और 13 हजार से ज़्यादा स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जो पिछली सरकारों से कहीं ज़्यादा हैं। रेलवे ने सुरक्षा और सुविधा में भी सुधार का दावा किया है।

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    रेलवे ने लालू और राहुल के दावों को किया खारिज। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजद प्रमुख लालू प्रसाद एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा छठ महापर्व में ट्रेनों से बिहार आ रहे लोगों की स्थिति को मुद्दा बनाने के बाद रेल मंत्रालय ने आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि यात्रियों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।

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    इस दीवाली-छठ के दौरान अभी तक लगभग सवा करोड़ लोग ट्रेनों से यात्रा कर चुके हैं। अनुमान है कि यह संख्या ढाई करोड़ से अधिक पहुंच जाएगी। रेलवे ने दावा किया है कि भीड़ प्रबंधन के लिए 30 प्रमुख स्टेशनों पर बड़े होल्डिंग क्षेत्र तैयार किए गए हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके।

    विपक्ष ने रेलवे के दावे को बताया झूठा

    लालू ने एक्स हैंडल पर रेलवे के इस दावे को झूठा बताया था। बाद में राहुल ने भी आरोप लगाते हुए कहा है कि 12 हजार विशेष ट्रेन चलाने के नाम पर बिहार की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है।

    रेलवे की ओर से कहा गया है कि पिछले एक दशक में रेलवे में सुरक्षा, सुविधा और रफ्तार तीनों मोर्चों पर बड़ा बदलाव किया गया है। लालू प्रसाद जब रेलमंत्री थे तो दीपावली और छठ जैसे अवसरों पर महज 178 विशेष ट्रेनें चलती थीं, जबकि अब यह संख्या 13 हजार से अधिक हो गई है। यह वृद्धि न सिर्फ यात्रियों की बढ़ती संख्या का संकेत है, बल्कि रेलवे की क्षमता और प्रबंधन दक्षता में भी सुधार को दर्शाती है।

    रेलवे ने क्या बताया?

    रेलवे ने बताया है कि ट्रैक निर्माण में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। जहां पहले हर साल 400 से 600 किलोमीटर ट्रैक बनते थे, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर चार हजार किलोमीटर प्रतिवर्ष से अधिक हो गया है। इससे न केवल नेटवर्क का विस्तार हुआ है बल्कि ट्रेन संचालन भी पहले से कहीं अधिक सुगम और तेज हुआ है।

    सबसे बड़ी उपलब्धि सुरक्षा के क्षेत्र में रही है। वर्ष 2014 में जहां 170 से अधिक रेल दुर्घटनाएं दर्ज की गई थीं, वहीं 2024-25 में यह संख्या घटकर मात्र 31 रह गई है। सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में इसे और कम करते हुए रेलवे को पूरी तरह सुरक्षित परिवहन प्रणाली में बदलना है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं आधुनिक तकनीक के उपयोग से रेलवे अब विकसित भारत की दिशा में तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।

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