तमिनलाडु के राज्यपाल देखते रहे... लेकिन पीएचडी की छात्रा ने आरएन रवि के हाथों से नहीं ली डिग्री, न फोटो खिंचाई
तमिलनाडु में एक पीएचडी छात्रा जीन जोसेफ ने राज्यपाल आरएन रवि से डिग्री लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने तमिलनाडु के हितों के खिलाफ काम किया है। जोसेफ के पति डीएमके में हैं इसलिए इसे राजनीतिक स्टंट भी माना जा रहा है। राज्यपाल और डीएमके के बीच पहले से ही तनाव चल रहा है जो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक पीएचडी की छात्रा ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के हाथों से डिग्री लेने से इनकार कर दिया। इसके बजाय उसने यूनिवर्सिटी के चांसलर के हाथों से ये डिग्री ले ली। छात्रा ने आरोप लगाया कि राज्यपाल आरएन रवि ने तमिलनाडु के हितों के खिलाफ काम किया है।
इस छात्रा का नाम जीन जोसेफ है और उसने माइक्रो फाइनेंस में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। उसका कहना है कि उसने जानबूझकर राज्यपाल को नजरंदाज किया। उसने कहा, "आरएन रवि तमिलनाडु और उसके लोगों के खिलाफ है। उन्होंने तमिल लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया है। मैं उनसे अपनी डिग्री प्राप्त नहीं करना चाहती थी।"
...तो क्या इसलिए हुआ राज्यपाल का विरोध?
जीन जोसेफ के पति, राजन डीएमके में एक कार्यकारी पद पर है। गवर्नर रवि और डीएमके के बीच की तल्खी किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में इसे एक राजनीतिक स्टंट बताया जा रहा है। पार्टी गवर्नर पर तमिलनाडु विधानसभा की ओर से पारित बिलों के लिए जानबूझकर देरी करने में देरी करने का आरोप लगा चुकी है।
राज भवन और डीएमके की नेतृत्व वाली सरकार के बीच तनाव हाल ही में सुप्रीम कोर्ट तक बढ़ा। तमिलनाडु सरकार की एक याचिका पर कोर्ट ने फैसला किया कि राज्यपालों और राष्ट्रपति के पास ऐसे मामलों में कोई विवेकाधीन शक्तियां नहीं हैं और उन्हें मंत्री की परिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करना चाहिए।
डीएमके के मंत्री भी कर चुके हैं आरएन रवि का बहिष्कार
इससे पहले तमिलनाडु में मंत्रियों ने भी गवर्नर रवि की अध्यक्षता में की गई सभा का बहिष्कार कर चुके हैं। हालांकि यह पहली बार था जब राज्यपाल का किसी छात्रा या स्कॉलर की ओर से सार्वजनिक रूप से इस तरह का व्यवहार किया गया हो।
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