'दूसरे देश की इच्छा के मुताबिक नहीं होगी डील', भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर बोले पीयूष गोयल
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया है कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं दिखाएगा। उन्होंने कहा कि समझौता आपसी विश्वास पर आधारित होगा, न कि किसी देश की इच्छा पर। भारत यूरोपीय संघ के साथ भी व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच अधिकतर मुद्दों का समाधान हो चुका है, और नवंबर तक समझौते का पहला चरण पूरा होने की उम्मीद है।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर कोई जल्दी में नहीं है। भारत दूसरे देश की इच्छा के मुताबिक व्यापार समझौता नहीं करने वाला है।
जर्मनी में एक कार्यक्रम के दौरान गोयल ने कहा कि व्यापार समझौता आपसी विश्वास का मसला है और लंबे समय के पार्टनरशिप को ध्यान में रखकर व्यापार समझौता किया जाता है। उन्होंने कहा कि हम यूरोपीय यूनियन के साथ भी व्यापार समझौते पर वार्ता कर रहे है। अमेरिका के साथ भी व्यापार समझौते को लेकर हमारी वार्ता हो रही है, लेकिन हम किसी निर्धारित समय या बंदूक की नोक पर समझौता नहीं करते हैं।
'अमेरिका से बातचीत में नहीं आ रही कोई रुकावट'
दूसरी तरफ, वाणिज्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के काफी नजदीक है। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते के रास्ते में आने वाले अधिकतम मसलों को सुलझा लिया गया है। अब कुछ मसले ही सुलझाने रह गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर बहुत ही सुगम तरीके से बातचीत चल रही है और वार्ता के दौरान कोई नई रुकावट नहीं आ रही है। सभी मुद्दों को वार्ता के दौरान कवर किया जा रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर पांच चरण की वार्ता हो चुकी है। नवंबर में द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण को पूरा करने का दोनों देशों ने लक्ष्य रखा था।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पद संभालने के बाद भारत से बीटीए करने का ऐलान किया था और उसके बाद दोनों देशों के बीच वार्ता शुरू हुई थी। वार्ता की प्रगति को देखते हुए नवंबर में बीटीए के पहले चरण के पूरा होने की पूरी उम्मीद की जा रही है।
निवेश को लेकर भी हुई दोनों देशों के बीच बातचीत
भारत ने अमेरिका से अधिक मात्रा में तेल खरीदारी का आश्वासन दे दिया है और निवेश को लेकर भी दोनों देशों के बीच वार्ता हुई है। मक्का और सोयाबीन जैसे कृषि पदार्थ को किसी अन्य रूप में भारत में लाने को लेकर भी दोनों देशों के बीच बातचीत हुई है। इन मुद्दों को सुलझने के बाद कमोबेश समझौता होने में दिक्कत नहीं होगी।
अभी अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगा रखा है और अगस्त आखिर में इस शुल्क के अमल में आने के बाद अमेरिका के बाजार में भारतीय निर्यात में कमी आने लगी है। वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की बढ़ती भूमिका और भारत के बड़े बाजार को देखते हुए अमेरिका भी भारत से जल्द समझौता करना चाहता है। हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ बातचीत को लेकर ट्रंप के बयान से भी ऐसा प्रतीत हो रहा है।

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