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    'हमारा लोकतंत्र एक सिस्टम नहीं, बल्कि संस्कार', घाना की संसद में बोले पीएम मोदी; जानिए क्यों अहम है ये दौरा

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 11:30 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि एक मजबूत भारत स्थिर और समृद्ध विश्व के निर्माण में योगदान देगा। उन्होंने वैश्विक शासन में सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया और ग्लोबल साउथ को आवाज देने की बात कही। मोदी ने लोकतंत्र को भारत के संस्कार बताते हुए कहा कि भारत सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है।

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    पीएम ने कहा कि भारत की तेज प्रगति वैश्विक विकास के लिए एक प्रेरक है (फोटो: एएनआई)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना की राजधानी अक्कारा में वहां की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि एक मजबूत भारत अधिक स्थिर और समृद्ध विश्व के निर्माण में योगदान देगा। उन्होंने वैश्विक शासन में विश्वसनीय और प्रभावी सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर बदलती परिस्थितियों के संदर्भ में।

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    मोदी ने कहा कि प्रगति तब तक संभव नहीं है जब तक कि ग्लोबल साउथ (विकासशीस व कम विकसित देशों) को आवाज नहीं मिल जाती। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। हमारे लिए लोकतंत्र एक व्यवस्था नहीं है, बल्कि संस्कार है। मोदी ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भारत की लोकतांत्रिक स्थिरता आशा की किरण के रूप में चमक रही है।

    'भारत सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था'

    पीएम ने कहा कि भारत की तेज प्रगति वैश्विक विकास के लिए एक प्रेरक है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत विश्व के लिए एक शक्ति का स्तंभ है। भारत में 2,500 से ज्यादा राजनीतिक दल हैं, 20 अलग-अलग पार्टियां अलग-अलग राज्यों पर शासन करती हैं, 22 आधिकारिक भाषाएं हैं, हजारों बोलियां हैं। यही वजह है कि भारत आने वाले लोगों का हमेशा खुले दिल से स्वागत किया जाता है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती-उभरती अर्थव्यवस्था है और स्थिर राजनीति और शासन के आधार पर भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। मोदी ने कहा- 'हम पहले से ही वैश्विक विकास में लगभग 16त्‍‌न का योगदान देते हैं। भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र है। भारत एक नवाचार और प्रौद्योगिकी केंद्र है, जहां वैश्विक कंपनियां जुटना चाहती हैं।'

    जी20 में अफ्रीकी संघ की एंट्री का जिक्र

    • मोदी ने कहा- 'दुनिया नए और जटिल संकटों का सामना कर रही है जैसे जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और साइबर सुरक्षा। बदलती परिस्थितियों में वैश्विक शासन में विश्वसनीय और प्रभावी सुधारों की आवश्यकता है। मोदी ने कहा कि प्रगति तब तक संभव नहीं है जब तक कि ग्लोबल साउथ को आवाज नहीं दी जाती। हमें केवल नारे नहीं चाहिए। उनके क्रियान्वयन की जरूरत है। यही कारण है कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान हमने 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के दृष्टिकोण के साथ काम किया।'
    • उन्होंने अफ्रीका के वैश्विक मंच पर उचित स्थान पर जोर दिया और गर्व से कहा कि अफ्रीकी संघ हमारी अध्यक्षता के दौरान जी20 का स्थायी सदस्य बना। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अफ्रीका के विकास यात्रा में एक प्रतिबद्ध भागीदार बना हुआ है। हमारा दृष्टिकोण समानता के साथ एक साथ बढ़ने का है। मोदी ने कहा कि भारत ने महामारी के दौरान 150 से अधिक देशों, जिसमें घाना भी शामिल है, को टीके और दवाएं वितरित कीं।
    • मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में एक बड़ा परिवर्तन देखा है। भारत के लोगों ने शांति, सुरक्षा, और विकास में विश्वास व्यक्त किया है। हमें दुनिया की फार्मेसी के रूप में मान्यता मिली है। आज भारतीय महिलाएं विज्ञान, अंतरिक्ष, विमानन और खेल में नेतृत्व कर रही हैं। भारत चंद्रमा पर उतरा है। आज एक भारतीय कक्षा में है जो हमारे मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन को पंख दे रहा है। मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है।

    मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

    मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' प्रदान किया गया। भारतीय प्रधानमंत्री को यह सम्मान उनके नेतृत्व, साहसिक सुधारों के लिए जरूरी कदम उठाने, वैश्विक विकास और भारत व घाना के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में योगदान देने के लिए दिया गया।

    सम्मान मिलने पर मोदी ने कहा कि प्रिय मित्र राष्ट्रपति महामा से सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करना सम्मान की बात है। भारत के 140 करोड़ लोगों की ओर से मैं इस सम्मान के लिए घाना के लोगों को धन्यवाद देता हूं। पीएम मोदी से पहले यह सम्मान ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्शन मंडेला, यूएन के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान जैसे लोगों को दिया गया है।

    रक्षा व कारोबारी सहयोग करेंगे प्रगाढ़

    अफ्रीकी महादेश के सबसे स्थिर देशों में से एक घाना और भारत न सिर्फ रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने बल्कि द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती से अपनाए इस देश को भारत ने खाद्यान्न उत्पादन और वैक्सीन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने में मदद करने का आश्वासन दिया है।

    कई तरह के बहुमूल्य धातुओं के अकूत भंडार वाला यह देश भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर उनका खनन व शोधन करने को भी तैयार है। पीएम नरेन्द्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति डॉ. जान द्रमानी महामा के बीच हुई बैठक में उक्त क्षेत्रों में भावी सहयोग की सहमति बनी। इसके पहले राष्ट्रपति महामा की अगुवाई में उच्चस्तरीय बैठक में मोदी ने घाना के जीवंत लोकतंत्र को दूसरे देशों के लिए अनुकरणीय बताते हुए कहा कि घाना के राष्ट्र निर्माण में भारत एक सह-यात्री है।

    छह अरब डॉलर के कारोबार का लक्ष्य

    • कहा कि हमने तीन अरब डॉलर के द्विपक्षीय कारोबार को पार करते हुए अगले पांच वर्षों में छह अरब डॉलर के कारोबार का लक्ष्य रखा है। भारत यूपीआई का अनुभव घाना के साथ साझा करने को तैयार है। राष्ट्रपति महामा ने खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनते हुए अफ्रीका का फुड बास्केट बनने की अपनी महत्वाकांक्षा जताई जिसमें हरसंभव मदद देने का आश्वासन पीएम मोदी ने दिया। घाना के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण, समुद्री डाकुओं से रक्षा करने में आवश्यक प्रशिक्षण व साइबर सुरक्षा में भी भारत मदद देगा।
    • उन्होंने कहा कि आतंकवाद को लेकर भी दोनों देशों के बीच एक जैसी सोच है। राष्ट्रपति महामा ने पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। भारत घाना को अपने रक्षा उपकरणों के लिए भी एक अहम बाजार के तौर पर देख रहा है। इस बारे में शीघ्र ही वार्ता की शुरुआत होगी। क्रिटिकल मिनिरल्स यानी इलेक्ट्रिक वाहन, कंप्यूटर, सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल होने वाले बहुमूल्य धातुओं का घाना के पास बहुत बड़ा भंडार है।
    • इस बारे में सहयोग को लेकर भारत खास तौर पर उत्साहित है। वैसे चीन ने इस क्षेत्र में काफी निवेश कर रखा है लेकिन अफ्रीका के अन्य देशों की तरफ घाना भी चीन के अलावा दूसरे विकल्पों को देख रहा है। राष्ट्रपति महामा ने कहा भी कि भारतीय कंपनियां इन धातुओं के खनन व शोधन में निवेश करें।

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