'21वीं सदी हमारी है', आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में बोले पीएम मोदी; एक्ट ईस्ट नीति का किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने आसियान देशों के साथ भारत के सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की बात कही। पीएम मोदी ने 2026 को 'आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष' घोषित किया और एक्ट ईस्ट नीति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत आसियान के साथ हर आपदा में खड़ा है।

आसियान देशों के साथ भारत के सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों का भी जिक्र किया (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 2025 में वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने थाईलैंड की क्वीन मदर के निधन पर संवेदना प्रकट की और आसियान देशों के साथ भारत के सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों का भी जिक्र किया।
पीएम मोदी ने कहा कि अनिश्चितता के इस दौर में भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी निरंतर मजबूत हुई है। हमारी मज़बूत साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास का आधार बनकर उभर रही है। पीएम मोदी ने 2026 को 'आसियान-भारत समुद्री सहयोग का वर्ष' भी घोषित किया।
'आसियान भागीदारों के साथ हमेशा मजबूती से खड़े'
पीएम मोदी ने कहा, 'इस वर्ष आसियान शिखर सम्मेलन का विषय 'समावेशीपन और स्थिरता' है। यह विषय हमारे साझा प्रयासों में स्पष्ट रूप से दिखती है, चाहे वह डिजिटल समावेशन हो या वर्तमान चुनौतियों के बीच खाद्य सुरक्षा और लचीली आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना। भारत इसका समर्थन करता है और इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत हर आपदा में अपने आसियान भागीदारों के साथ हमेशा मजबूती से खड़ा रहा है।'
उन्होंने कहा, 'HADR, समुद्री सुरक्षा और नीली अर्थव्यवस्था में हमारा सहयोग तेज़ी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए हम 2026 को आसियान-भारत समुद्री सहयोग का वर्ष घोषित करते हैं। इसके साथ ही, हम शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा और साइबर सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूती से बढ़ावा दे रहे हैं। 21वीं सदी हमारी सदी है। यह भारत और आसियान की सदी है। मुझे विश्वास है कि आसियान सामुदायिक विज़न 2045 और विकसित भारत 2047 का उद्देश्य पूरी मानवता के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगा।'
सांस्कृतिक संबंधों का किया जिक्र
पीएम मोदी ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा, 'भारत और आसियान मिलकर विश्व की लगभग एक-चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम न केवल भूगोल साझा करते हैं, बल्कि गहरे ऐतिहासिक संबंधों और साझे मूल्य के जोड़ से जुड़े हुए हैं। हम वैश्विक दक्षिण का हिस्सा हैं। हमारे बीच न केवल व्यापारिक संबंध हैं, बल्कि सांस्कृतिक संबंध भी हैं।'
उन्होंने कहा, 'आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ है। भारत ने हमेशा आसियान की केंद्रीयता और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर आसियान के दृष्टिकोण का समर्थन किया है। अनिश्चितता के इस दौर में भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी निरंतर मजबूत हुई है। हमारी मज़बूत साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास का आधार बनकर उभर रही है।'
पीएम ने कहा कि 'अपने आसियान परिवार के साथ फिर एक बार मुझे जुड़ने का मौका मिला है। मुझे बहुत खुशी हो रही है। आसियान के सफल अध्यक्षता के लिए मैं पीएम अनवर इब्राहिम को बधाई देता हूं। भारत के देश समन्वयक की भूमि का कुशलता से निभाने पर फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस का धन्यवाद करता हूं।'

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