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    PM मोदी ने घाना के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को दिए खास गिफ्ट; हर तोहफे में झलकती है भारत कला की झलक

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Fri, 04 Jul 2025 02:00 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जान महामा को बिदरी फूलदान और उनकी पत्नी को चांदी का पर्स भेंट किया। उपराष्ट्रपति को कश्मीरी पश्मीना शॉल और स्पीकर को लघु हाथी अंबावारी उपहार में दिया। ये भेंट भारतीय शिल्पकला और सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक हैं। घाना की संसद में दो सांसदों ने भारतीय परिधान पहनकर भारत के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया।

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    पीएम मोदी ने घानाई राष्ट्रपति जान महामा और उनकी पत्नी को गिफ्ट दिए।(फोटो सोर्स: एएनआई)

    एएनआई, अक्कारा (घाना)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच राष्ट्रों की यात्रा के पहले चरण की समाप्ति पर गुरुवार को घाना की राजधानी अक्कारा से चलने से पहले घानाई राष्ट्रपति जान महामा को एक हस्तनिर्मित बिदरी फूलदान तो उनकी पत्नी लार्डिना महामा को चांदी का एक पर्स भेंट किया। ये उपहार भारतीय शिल्पकला और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक हैं।

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    यही नहीं मोदी ने घाना के उप राष्ट्रपति को कश्मीरी पश्मीना शाल भेंट किया तो वहां के स्पीकर को लघु हाथी अंबावारी तोहफ में दी।

    कर्नाटक के बीदर में निर्मित बिदरी के फूलदान भारत की प्रसिद्ध धातु शिल्पकला का अद्वितीय उदाहरण हैं। इन फूलदानों का आकर्षक काला फिनिश और इनमें बारीक चांदी की जड़ाई इन्हें बेहद विशेष बनाती है।

    कर्नाटक की समृद्ध शिल्प विरासत का भी प्रतीक हैं फूलदान

    कुशल कारीगरों द्वारा सदियों पुरानी तकनीक से निर्मित ये फूलदान जस्ता-तांबा मिश्र धातु से बने हैं, जिन पर फूलों के मोटिफ्स खुदे हुए हैं। ये फूलदान न केवल सजावट के लिए हैं बल्कि कर्नाटक की समृद्ध शिल्प विरासत का भी प्रतीक हैं।

    उधर, उड़ीसा के कटक से लाया गया चांदी की फाइलिग्री वाला पर्स शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण है। इसमें महीन चांदी के तारों से फूल और बेल की आकृति बनाई जाती है। पारंपरिक रूप से गहनों में इस्तेमाल की जाने वाली कटक की फिलिग्री अब पर्स जैसे आधुनिक सामानों की शोभा बढ़ा रही है। इस पर्स को बेहद निपुण कारीगरों द्वारा हाथ से तैयार किया जाता है।

    क्या है पशमीना शाल की खासियत?

    घाना के उपराष्ट्रपति को उपहार में दिया गया कश्मीरी पश्मीना शाल कश्मीर में पाई जाने वाली चंगथांगी बकरी से तैयार किया जाता है। यह अपने असाधारण मुलायमपन, गर्माहट और हल्केपन के लिए प्रसिद्ध है। कश्मीरी कारीगर इस शाल को हाथ से तैयार करते हैं।

    उधर स्पीकर को दिया गया लघु हाथी अंबावारी बंगाल के कारीगरों द्वारा हाथ से तैयार किया गया है। इसे पॉलिश किए गए सिंथेटिक हाथीदांत से बनाया जाता है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने एनक्रुमा मेमोरियल पार्क का दौरा किया और डा. क्वामे एनक्रुमा को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह श्रद्धांजलि भारत के घाना के समृद्ध इतिहास के प्रति गहरे सम्मान को दर्शाती है।

    भारतीय परिधान में संसद पहुंचे घाना के दो सांसद घाना की संसद में मोदी के संबोधन के दौरान दो सांसद भारतीय परिधान पहनकर पहुंचे। एक पुरुष सांसद जहां पगड़ी और बंद गले का सूट पहने हुए थे तो वहीं एक महिला सांसद लाल रंग की साड़ी में पहुंचीं।

    ये दोनों सांसद विशेष आकर्षण का केंद्र बने रहे। घाना की संसद में यह नजारा भारत के प्रति घाना की सद्भावना और आत्मीयता का प्रतीक भी बन गया। इंटरनेट मीडिया पर यह वीडियो खूब प्रसारित हो रहा है।

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