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    'अनुच्छेद-370 हटाकर पीएम मोदी ने सरदार पटेल का अधूरा काम पूरा किया', अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 10:50 PM (IST)

    देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 'रन फॉरयूनिटी' को हरी झंडी दिखाते हुए शाह ने कहा कि आजादी के बाद अंग्रेजों ने देश को 562 रियासतों में विभाजित करके छोड़ने का फैसला किया। उस समय दुनिया को लग रहा था कि इन 562 रियासतों को एक राष्ट्र में एकीकृत करना असंभव होगा। 

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    अनुच्छेद-370 हटाकर पटेल के एकीकृत भारत के अधूरे सपने को पीएम मोदी ने साकार किया : शाह (फोटो- एक्स)

    पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर सरदार वल्लभभाई पटेल के एकीकृत भारत के सपने को साकार किया।

    562 रियासतों को एक राष्ट्र में एकीकृत करना असंभव- शाह

    देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 'रन फर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाते हुए शाह ने कहा कि आजादी के बाद अंग्रेजों ने देश को 562 रियासतों में विभाजित करके छोड़ने का फैसला किया। उस समय दुनिया को लग रहा था कि इन 562 रियासतों को एक राष्ट्र में एकीकृत करना असंभव होगा। लेकिन सरदार पटेल ने बहुत कम समय में यह महान कार्य पूरा किया।

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     आगे शाह ने कहा कि आज हम जिस आधुनिक भारत का मानचित्र देखते हैं, वह उनकी दूरदर्शिता और प्रयासों का परिणाम है। काठियावाड़, भोपाल, जूनागढ़, जोधपुर, त्रावणकोर और हैदराबाद जैसे क्षेत्रों ने अलग रहने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए, लेकिन सरदार पटेल की दृढ़ इच्छाशक्ति और अडिग दृढ़ संकल्प ने इन सभी को एकजुट करके अखंड भारत का निर्माण किया।

    पीएम मोदी ने सरदार पटेल के काम को पूरा किया

    उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 के कारण कश्मीर का भारत में पूर्ण एकीकरण ही एकमात्र अधूरा कार्य रह गया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उस अधूरे कार्य को पूरा किया। आज हमारे सामने सही मायने में अखंड भारत है।

    अमित शाह ने कहा कि आजादी के दिन सभी लोग तिरंगा फहराने में व्यस्त थे और उस वक्त सरदार साहब नौसेना युद्धपोत को मनिटर कर रहे थे। उस वक्त लक्षद्वीप किसके पास जाएगा, यह बहुत बड़ा मसला था और सही समय पर नौसेना को लक्षद्वीप भेजकर उसे भारत का हिस्सा बनाकर सरदार पटेल ने बहुत बड़ा योगदान दिया।

    कांग्रेस ने नहीं दिया यथोचित सम्मान

    शाह ने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने सरदार पटेल को वह सम्मान नहीं दिया जिसके वह वास्तव में हकदार थे। उनके जैसे महान व्यक्तित्व को 41 वर्षों की देरी के बाद भारत रत्न से सम्मानित किया गया। देश में कहीं भी उनका कोई स्मारक नहीं बनाया गया। जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तभी उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की परिकल्पना की और सरदार पटेल के सम्मान में एक भव्य स्मारक बनवाया।

    उन्होंने बताया कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की आधारशिला 31 अक्टूबर, 2013 को रखी गई थी। 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा देशभर में किसानों से एकत्रित औजारों के लोहे का उपयोग करके केवल 57 महीनों में बनकर तैयार हुई।

    सरदार पटेल एक किसान नेता थे

    सरदार पटेल एक किसान नेता थे और प्रतिमा के निर्माण में इस्तेमाल लगभग 25,000 टन लोहा किसानों के औजारों को पिघलाकर बनाया गया था। उन्होंने बताया कि लगभग 25,000 टन लोहे, 90,000 घन मीटर कंक्रीट और 1,700 टन कांसे से बनी इस विशाल प्रतिमा को अब तक लगभग 2.5 करोड़ लोग देख चुके हैं।

    बारदोली के बाद महात्मा गांधी ने दिया 'सरदार' उपनाम

    शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने बैरिस्टर की प्रैक्टिस छोड़कर महात्मा गांधी के आह्वान को स्वीकार कर आजादी के आंदोलन में हिस्सा लिया। सरदार पटेल का नेतृत्व कौशल 1928 के बारदोली सत्याग्रह के दौरान सामने आया था, जो किसानों के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध शुरू किया गया था।

    सरदार पटेल के नेतृत्व में किसानों ने अपना आंदोलन शुरू किया था। एक छोटे से कस्बे से शुरू हुआ यह आंदोलन जल्द ही एक राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन में बदल गया, जिसने अंग्रेजों को उनकी मांगें मानने पर मजबूर कर दिया। उसी आंदोलन को लेकर महात्मा गांधी ने उन्हें 'सरदार' का उपनाम दिया और वहीं से वल्लभभाई पटेल, सरदार पटेल बने।

    किसानों की समृद्धि को मानते थे विकास की धुरी

    शाह ने इससे पहले पटेल चौक स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। 'एक्स' पर सुबह-सुबह पोस्ट एक संदेश में शाह ने 'लौह पुरुष' को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें राष्ट्रीय एकता, अखंडता और किसानों के सशक्तीकरण का प्रतीक बताया।

    उन्होंने अपने संदेश में कहा, "सरदार साहब ने रियासतों का एकीकरण करके देश की एकता व सुरक्षा को मजबूत किया और किसानों, पिछड़े वर्गों एवं वंचितों को सहकारिता से जोड़कर राष्ट्र को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया।"

    शाह ने कहा कि उनका (पटेल का) दृढ़ विश्वास था कि देश के विकास की धुरी किसानों की समृद्धि में निहित है। वह जीवनभर किसानों के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित रहे। न्याय और एकता के सिद्धांतों से बंधे सरदार साहब द्वारा निर्मित राष्ट्र की रक्षा करना प्रत्येक देशभक्त का कर्तव्य है।

    हर वर्ष होगा एकता परेड का आयोजन

    शाह ने कहा कि मोदी सरकार राष्ट्र की एकता, अखंडता व सुरक्षा को बनाए रखने और उसे मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने एवं सुदृढ़ करने के लिए 2014 से 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाती आ रही है।

    सभी राज्यों की पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों ने आज प्रधानमंत्री मोदी जी की उपस्थिति में एक भव्य परेड के माध्यम से केवडिया में सरदार साहब को श्रद्धांजलि दी है। गृह मंत्रालय ने तय किया है कि 150वीं जयंती के बाद हर वर्ष एकता परेड को इसी भव्य स्वरूप में मनाकर सरदार साहब को श्रद्धांजलि दी जाएगी।