'पहले की सरकारों ने किसानों को अपने हाल पर छोड़ा', कृषि योजनाओं की शुरुआत कर बोले पीएम मोदी
दिवाली से पहले, पीएम मोदी ने किसानों को 42000 करोड़ रुपये की योजनाओं का तोहफा दिया। पीएम धन धान्य कृषि योजना, 24000 करोड़ रुपये की, और दलहन उत्पादकता मिशन, 11,440 करोड़ रुपये का, शुरू किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि ये योजनाएं किसानों का भाग्य बदल देंगी और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देंगी।
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प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू की पीएम धन धान्य कृषि योजना (फोटो- @BJP4India)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिवाली से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। पीएम मोदी ने दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से 42000 करोड़ रुपये की योजनाओं का शुभारंभ किया। पीएम मोदी ने किसानों को बड़ी सौगात देते हुए 24000 करोड़ रुपये वाली पीएम धन धान्य कृषि योजना और 11,440 करोड़ के दलहन उत्पादकता मिशन का शुभारंभ किया है। दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आज पीएम धन-धान्य कृषि योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना में सरकार के 36 योजनाओं को एक साथ जोड़ जा रहा है। इस योजना के लिए तीन पैरामीटर पर 100 जिलों का चयन किया गया है।
- पहला - खेत से कितनी पैदावार होती है।
- दूसरा - एक खेत में कितनी बार खेती होती है।
- तीसरा - किसानों को लोन या निवेश की कितनी सुविधा है।
योजना का मुख्य उद्देश्य
पीएम धन धान्य कृषि योजना के मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना है। इस योजना का लाभ कम उपज वाली जगहों को मिलेगा। जहां यह योजना शुरू की जाएगी।
किसानों का भाग्य बदलने का काम करेंगी दोनों योजनाएं
दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से किसानों के लिए एक साथ दो योजनाओं को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये दो योजनाएं भारत के किसानों का भाग्य बदलने का काम करेंगी। पीएम मोदी ने कहा कि इन योजनाओं पर सरकार करीब 35 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने वाली है।
खेती किसानी को मिलता रहे सरकार का सहयोग
किसानों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने कहा, खेती और किसानी हमेशा से हमारी विकास यात्रा की हिस्सा रही है। बहुत जरूरी होता है कि बदलते समय के साथ खेती-किसानी को सरकार का सहयोग मिलता रहे। लेकिन दुर्भाग्य से पहले की सरकारों ने खेती-किसानी को अपने हाल पर छोड़ दिया था। इसलिए भारत की कृषि व्यवस्था लगातार कमजोर होती जा रही थी। 21वीं सदी के भारत को तेज विकास के लिए अपनी कृषि व्यवस्था में भी सुधार करना आवश्यक था और इसकी शुरुआत 2014 के बाद से हुई।
दूध उत्पादन में नंबर वन भारत
पीएम मोदी ने आगे कहा, "बीज से लेकर बाजार तक अनगिनत सुधार किए गए। जिसके परिणामस्वरूप आज दूध उत्पादन में भारत नंबर एक पर है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है। भारत में शहद उत्पादन 2014 की तुलना में दोगुना हो गया है। देश में 6 बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्रियां बनाई गई हैं। 25 करोड़ से ज्यादा सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को दिए गए हैं। 100 लाख हेक्टेयर में सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा पहुंची है। पीएम फसल बीमा योजना से करीब 2 लाख करोड़ रुपए क्लेम के रूप में किसानों को मिले हैं। बीते 11 वर्षों में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पाद संघ एफपीओ बने।"
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन
पीएम मोदी ने दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की भी शुरुआत कर दी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन ये सिर्फ दाल उत्पादन बढ़ाने का मिशन नहीं है, बल्कि हमारी भावी पीढ़ी को सशक्त बनाने का भी अभियान है। बीते 11 वर्षों से सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि किसान सशक्त हो, खेती पर ज्यादा निवेश हो। किसानों को इससे बेहतर बीज, भंडारण सुविधाएं और उपज की सुनिश्चित खरीद से सीधा लाभ मिलेगा।
इस योजना के शुभारंभ के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत का कृषि निर्यात करीब-करीब दोगुना हो गया है। अनाज उत्पादन करीब करीब 900 लाख मीट्रिक टन और बढ़ गया। फल और सब्जियों का उत्पादन 640 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा बढ़ गया।
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