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    'चंद्रमा, मंगल तक पहुंच गए, अब गहरे अंतरिक्ष में झांकना है', पीएम मोदी ने दिया नया लक्ष्य

    Updated: Sun, 24 Aug 2025 02:15 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए प्रेरित किया खासकर गहरे अंतरिक्ष में ताकि मानवता के भविष्य के लिए रहस्य खोले जा सकें। उन्होंने अंतरिक्षयात्री पूल बनाने और युवाओं को इसमें शामिल होने का आह्वान किया। 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया चंद्रयान-3 की सफलता की याद में।

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    राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर पीएम मोदी ने वीडियो संबोधन जारी किया (फोटो: पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विज्ञानियों को नया लक्ष्य देते हुए कहा कि अगला कदम गहन अंतरिक्ष का अन्वेषण करना है। प्रधानमंत्री ने विज्ञानियों से गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन की तैयारी करने का आग्रह किया ताकि मानवता के भविष्य को उजागर करने वाले रहस्यों को समझा जा सके।

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    राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर वीडियो संबोधन में पीएम मोदी ने घोषणा की कि भारत ''अंतरिक्षयात्री पूल'' तैयार कर रहा है। उन्होंने युवाओं को इस पूल या समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। गौरतलब है कि 2023 में 23 अगस्त को ही चंद्रयान-3 मिशन के तहत भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बना था। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता की याद में हर साल 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाता है।

    वैज्ञानिकों के नाम दिया संबोधन

    पीएम मोदी ने कहा, हम चंद्रमा और मंगल तक पहुंच गए हैं। अब हमें गहरे अंतरिक्ष में झांकना है, जहां मानवता के भविष्य के लिए लाभकारी कई रहस्य छिपे हैं। अंतरिक्ष क्षेत्र में एक के बाद एक उपलब्धि हासिल करना अब भारत और उसके वैज्ञानिकों का स्वाभाविक गुण बन गया है। अंतरिक्ष का अनंत विस्तार हमें लगातार याद दिलाता है कि कोई भी मंजिल अंतिम नहीं होती।

    प्रधानमंत्री ने कहा, भारत सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्टि्रक प्रोपल्शन जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारतीय विज्ञानियों की कड़ी मेहनत की बदौलत भारत जल्द ही गगनयान मिशन लांच करेगा और अपना अंतरिक्ष स्टेशन भी बनाएगा।प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र के उद्यमियों से यह भी पूछा कि क्या अगले पांच वर्षों में पांच स्टार्टअप यूनिकार्न बन सकते हैं। प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र के आगे आने की इच्छा जताई ताकि भारत अगले पांच वर्षों में हर साल 50 राकेट प्रक्षेपित कर सके।

    शुभांशु शुक्ला का किया जिक्र

    पीएम ने कहा कि तीन दिन पहले ही उनकी मुलाकात ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से हुई थी, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया था। शुभांशु ने आइएसएस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर हर भारतीय को गौरवान्वित किया। जब शुभांशु ने तिरंगा दिखाया, तो उसे छूने का अहसास शब्दों से परे था। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया, राष्ट्रीय अंतरिक्षदिवस पर हम उस ऐतिहासिक क्षण का जश्न मनाते हैं जब चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को छुआ। उस समय हर भारतीय का दिल गर्व से भर गया। मैं इसरो के प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई देता हूं।

    अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला ने कहा कि वर्तमान समय अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के लिए ''स्वर्णिम काल'' है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के कार्यक्रम में कहा कि पूरी दुनिया भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर उत्साहित है। शुभांशु ने नेहरू तारामंडल में आर्यभट्ट गैलरी का उद्घाटन भी किया।

    इसरो अध्यक्ष ने की पीएम की तारीफ

    इसरो अध्यक्ष ने पीएम मोदी को दिया चंद्रयान 3 की सफलता का श्रेय भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख वी. नारायणन ने चंद्रयान 3 मिशन की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और नेतृत्व को दिया। नई दिल्ली में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मुख्य समारोह में इसरो अध्यक्ष ने कहा, 23 अगस्त 2023 ऐतिहासिक दिन था।

    उन्होंने कहा कि भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग कराई। हम ऐसा करने वाले एकमात्र देश बन गए। भारत के प्रधानमंत्री दूरदर्शी हैं। उन्होंने कहा, हम चंद्रयान-4 मिशन शुरू करने जा रहे हैं। हम वीनस आर्बिटर मिशन शुरू करने जा रहे हैं। हम 2035 तक बीएएस (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन) नामक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने जा रहे हैं। इसका पहला माड्यूल 2028 तक प्रक्षेपित किया जाएगा।

    (न्यूज एजेंसी एएनआई और पीटीआई के इनपुट के साथ)

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