जोधपुर के राजकुमार शिवराज सिंह हैं हजारों करोड़ के मालिक, शान और शौकत किसी सुपरस्टार से कम नहीं; कैसे पूरा किया ये सफर
जोधपुर के राजकुमार शिवराज सिंह, जिन्हें पोलो प्लेयर के रूप में जाना जाता है, शान और शौकत में किसी सुपरस्टार से कम नहीं हैं। उम्मेद भवन पैलेस, जो कभी उनका निवास था, अब एक लोकप्रिय विवाह स्थल है। पोलो खेलते समय दुर्घटना के बाद भी, उन्होंने जीवन में सफलता प्राप्त की।

राजकुमार शिवराज सिंह। इमेज सोर्स- सोशल मीडिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जोधपुर की तपती धूप में उम्मेद भवन पैलेस की सुनहरी बलुआ पत्थर की दीवारें अपनी शाही भव्यता को प्रदर्शित करती है। रेगिस्तान की चट्टानी चित्तर पहाड़ी पर खड़ा है उम्मीद भवन शानदार शाही निवासों में से एक है। इसकी शाही बगीचे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इस शाही महल के राजकुमार शिवराज सिंह जिन्हें दुनिया मशहूर 'पोलो प्लेयर' के रूप में जानती है, अपनी शान और शौकत के लिए जाने जाते हैं। आइये जानते हैं राजकुमार शिवराज सिंह की निजी जिंदगी के बारे में।
कौन है राजकुमार शिवराज सिंह?
30 सितंबर, 1975 को जन्मे शिवराज सिंह जोधपुर के महाराजा गज सिंह द्वितीय और हेमलता राजे के इकलौते पुत्र हैं। राठौड़ वंश के उत्तराधिकारी के रूप में शिवराज ने शाही परंपराओं को आज भी जीवित रखा। उनके पिता, जिन्हें प्यार से 'बापजी' कहा जाता है, चार वर्ष की आयु में महाराजा बने थे। गज सिंह ने ईटन और ऑक्सफोर्ड से शिक्षा प्राप्त की और 1970 में जोधपुर लौटकर परिवार की विरासत संभाली।
शिवराज ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए मेयो कॉलेज, ईटन और ऑक्सफोर्ड ब्रूक्स यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने जिनेवा और लंदन में श्रोडर्स बैंक और हांगकांग में जार्डाइन के साथ काम किया। जोधपुर लौटने पर उन्होंने ताज समूह के साथ मिलकर उम्मेद भवन को लक्जरी होटल में बदला, जिसकी लागत लगभग 10 करोड़ रुपये थी।
कैसे पोलो ने बदल दी राजकुमार की जिंदगी?
शिवराज सिंह के लिए पोलो केवल एक खेल नहीं था, बल्कि एक जुनून था। वे भारत के शीर्ष पोलो खिलाड़ियों में गिने जाते थे। उनकी टीम, जोधपुर ईगल्स, ने इंग्लैंड, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में टूर्नामेंट जीते। लेकिन 18 फरवरी, 2005 को जयपुर के रामबाग पोलो ग्राउंड ने मानो उनसे सबकुछ छीन लिया. एक मैच के दौरान शिवराज घोड़े से गिर पड़े, जिसके बाद उन्हें गंभीर ब्रेन हेमरेज हुआ।
दो महीने तक कोमा में रहने के बाद, वे धीरे-धीरे होश में आए, लेकिन उन्हें बोलने-चलने में कठिनाई होने लगी. हादसे के पांच साल बाद, 10 मार्च, 2010 को शिवराज की सगाई अस्कोट की गायत्री कुमारी पाल से हुई। 18 नवंबर, 2010 को जयपुर के रामबाग पैलेस के एक शाही समारोह में उनकी भव्य शादी हुई। इसमें देश-विदेश के शाही परिवार, राजनेता, उद्योगपति और बॉलीवुड हस्तियां शामिल हुईं।
उम्मेद भवन बना कई शाही शादियों का प्रतीक
उम्मेद भवन पैलेस आज भारत के सबसे लोकप्रिय विवाह स्थलों में से एक है। प्रियंका चोपड़ा-निक जोनास, एलिजाबेथ हर्ले-अरुण नायर और ऋषिका लुल्ला-आदित्य सिंह जैसे कई मशहूर हस्तियों की शाही शादियों ने इस जगह को और भी खास बनाया है.
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