पुणे में शिवाजी की प्रतिमा हटाने पर भारी बवाल, विरोध प्रदर्शन के बाद दोबारा लगाई गई
पुणे में एक सरकारी कार्यालय परिसर से छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा हटाए जाने पर सोमवार को विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि यह प्रतिमा एक विरासत संरचना का हिस्सा थी। शिवाजी की प्रतिमा को शहर के शुक्रवार पेठ क्षेत्र में तहसीलदार कार्यालय परिसर से शनिवार को हटा दिया गया।

पुणे में शिवाजी की प्रतिमा हटाने पर भारी बवाल, विरोध प्रदर्शन के बाद दोबारा लगाई गई
पीटीआई, पुणे। पुणे में एक सरकारी कार्यालय परिसर से छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा हटाए जाने पर सोमवार को विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि यह प्रतिमा एक विरासत संरचना का हिस्सा थी।
शिवाजी की प्रतिमा को शहर के शुक्रवार पेठ क्षेत्र में तहसीलदार कार्यालय परिसर से शनिवार को हटा दिया गया। शिवसेना (यूबीटी) की पुणे शहर इकाई के अध्यक्ष संजय मोरे ने कहा कि शनिवार रात को प्रतिमा हटा दी गई। यह इमारत एक विरासत संरचना है।
इसके बावजूद प्रतिमा को यहां से हटा दिया गया। क्या इसे हटाने के लिए आवश्यक अनुमति ली गई थी। कई संगठनों ने तहसीलदार कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
मीडिया से बात करते हुए तहसीलदार अर्चना निकम ने कहा कि कार्यालय को नए परिसर में स्थानांतरित किया जा रहा है। इसलिए प्रतिमा को सम्मानपूर्वक हटा दिया गया है। इसे पूरे सम्मान के साथ नए परिसर में पुन: स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने कलेक्टर कार्यालय से आवश्यक अनुमति प्राप्त की। प्रतिमा को हटाने के लिए सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया।

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