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    गाड़ी चलाते समय की ये हरकत तो रद्द हो जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस, जयपुर हादसे के बाद CM भजनलाल का स्पेशल ऑर्डर

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    राजस्थान सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के लाइसेंस रद्द होंगे, राजमार्गों पर आराम स्थल बनेंगे, और अवैध कट बंद किए जाएंगे। गलत दिशा में गाड़ी चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। सरकार ने दुर्घटनाओं में मदद करने वालों को सम्मानित करने का भी फैसला किया है। उच्च न्यायालय ने भी सरकार से जवाब मांगा है।

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    शराब पीकर गाड़ी चलाने पर लाइसेंस रद्द

    जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में दो दिनों में हुई दो सड़क दुर्घटनाओं में 29 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार ने यातायात नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। शराब पीकर और निर्धारित गति सीमा से तेज वाहन चलाने वाले चालकों का लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त किया जाएगा।

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    राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन चालकों के लिए आराम स्थल बनाए जाएंगे और व्यस्ततम राजमार्गों पर अवैध कटों को बंद कर वहां रेलिंग लगाई जाएगी। गलत दिशा में वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और चालान की सीमा भी बढ़ाई जाएगी।

    शराब पीकर गाड़ी चलाने पर लाइसेंस रद्द

    मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए कई निर्णय लिए गए। इसके तहत राजमार्गों पर इंटरसेप्टर तैनात किए जाएंगे, जो नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। भारी वाहन चालकों की आंखों की जांच भी करवाई जाएगी।

    यदि भारी वाहन लाइसेंस नवीनीकरण के समय प्रस्तुत की गई आंखों की जांच रिपोर्ट गलत पाई जाती है तो उसे जारी करने वाले चिकित्सक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ट्रक चालकों की आंखों की जांच के लिए सरकार 15 नवंबर से 15 फरवरी तक अभियान चलाएगी।

    राजमार्गों पर बनेंगे आराम स्थल

    इसके अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए कई निर्देश दिए गए। इसमें राजमार्गों पर ब्लैक स्टाप बंद करने, नो एंट्री के समय भारी वाहनों को जब्त करने, सड़क पर रिफलेक्टर लगाने, ओवर टाइम ड्राइविंग पर रोक लगाने और पैदल यात्री मार्ग पर अवैध अतिक्रमण हटाने की सख्ती शामिल है। सड़क दुर्घटनाओं में मदद करने वालों को सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया है।

    उल्लेखनीय है कि सोमवार को जयपुर में शराब के नशे में चालक कल्याण मीणा ने गलत दिशा में डंपर दौड़ाते 26 लोगों को कुचल दिया था, जिनमें 15 लोगों की मौत हो गई। मौके पर 14 लोगों की मौत हुई थी, जबकि मंगलवार को एक अन्य व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मीणा के खिलाफ पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।

    इसके पहले फलोदी में अनियंत्रित टेंपो ट्रेवलर सड़क पर खड़े ट्रेलर में पीछे से घुस गया था, जिसमें 13 महिलाओं सहित 15 लोगों की मौत हो गई थी। पिछले महीने जैसलमेर में भी एक सड़क हादसे में एसी बस में आग लगने से उसमें सवार 21 यात्री जिंदा जल गए थे।

    उच्च न्यायालय ने मांगा राज्य सरकार से जवाब

    राजस्थान उच्च न्यायालय ने सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ती मौतों पर सख्त रुख अपनाया है। उच्च न्यायालय की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ और जयपुर स्थित खंडपीठ ने राज्य सरकार से छह नवंबर तक जवाब मांगा है।

    कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा व न्यायाधीश बलजिंदर सिंह संधू की पीठ ने एडवोकेट राजेंद्र प्रसाद शर्मा की ओर से दायर याचिका पर संज्ञान लेते अतिरिक्त सालिसिटर व राज्य के महाधिवक्ता को नोटिस जारी कर सड़क सुरक्षा को लेकर जवाब मांगा है।

    जयपुर पीठ में न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी की अदालत ने राज्य सरकार से राजमार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।