MP News: महू में 'रण संवाद' कार्यक्रम का शुभारंभ, आज रक्षा मंत्री होंगे शामिल; CDS ने दिलाई महाभारत की याद
जनरल चौहान ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के महू में तकनीक का युद्ध पर प्रभाव विषय पर आयोजित दो दिवसीय रण संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस संवाद में देश की तीनों सैन्य इकाइयों के 450 से अधिक अधिकारी शामिल हुए। सीडीएस ने कहा कि पिछले दो वर्षों से हम रण संवाद जैसे कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे।
जेएनएन, इंदौर। मध्य प्रदेश के महू में 'तकनीक का युद्ध पर प्रभाव' विषय पर आयोजित दो दिवसीय 'रण संवाद' कार्यक्रम का शुभारंभ हो चुका है। इस दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि हमें महाभारत काल की तरह शस्त्र और शास्त्र दोनों को साथ लेकर चलना होगा। महान योद्धा अर्जुन ने शस्त्र चलाने में दक्षता हासिल की, लेकिन शास्त्र का ज्ञान भगवान श्रीकृष्ण से प्राप्त किया।
एयर डिफेंस सिस्टम 'सुदर्शन चक्र' देश के लिए 'ढाल और तलवार' की तरह कार्य करेगा। इसके लिए मजबूत ढांचे का विकास करना होगा। हम शांति प्रिय देश हैं, मगर शांति बनाए रखना है तो युद्ध के लिए तैयार रहना होगा।
आज राजनाथ सिंह कार्यक्रम को संबोधित करेंगे
जनरल चौहान ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के महू में 'तकनीक का युद्ध पर प्रभाव' विषय पर आयोजित दो दिवसीय 'रण संवाद' कार्यक्रम का शुभारंभ किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस संवाद में देश की तीनों सैन्य इकाइयों के 450 से अधिक अधिकारी शामिल हुए।
हमें भविष्य के युद्धों के स्वरूप को समझने की आवश्यकता है- सीडीएस
सीडीएस ने कहा कि पिछले दो वर्षों से हम रण संवाद जैसे कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे, ताकि अपनी सेनाओं को पुन: आकार दे सकें। उन्होंने ऋग्वेद का उदाहरण देते कहा कि हर दिशा से आने वाली जानकारी और सुझावों का विश्लेषण आवश्यक है। सबसे बड़े अर्थशास्त्री कौटिल्य के अनुसार, युद्ध जीतने के लिए शक्ति, उत्साह और युक्ति की आवश्यकता होती है। हमें भविष्य के युद्धों के स्वरूप को समझने की आवश्यकता है।
आत्मनिर्भरता आगामी युद्धों में सफलता की कुंजी
उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और एकीकृत लाजिस्टिक्स आगामी युद्धों में सफलता की कुंजी है। 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता ने हमें भविष्य के लिए तैयार रहने की प्रेरणा दी। युद्ध में तकनीकी मजबूती आवश्यक है, जिसमें एआइ, साइबर, क्वांटम और इलेक्ट्रानिक वारफेयर का समावेश होना चाहिए। युद्ध में तकनीकी मजबूती की रेस में सभी देश दौड़ लगा रहे हैं। जीतेगा वही, जो सबसे अधिक आधुनिक होगा। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में आस्ट्रेलिया, इजिप्ट व अन्य देशों के प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं।
वायुसेना प्रमुख ने थिएटराइजेशन योजना पर चेताया
प्रेट्र के अनुसार, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी ¨सह ने मंगलवार को थिएटराइजेशन योजना को जल्दबाजी में लागू करने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने दिल्ली में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा ताकि तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया जा सके।
एयर चीफ मार्शल ने स्पष्ट किया कि भारत को अन्य देशों के मॉडल से प्रभावित होकर थिएटर कमांड्स लागू नहीं करने चाहिए। हमें अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सोचना चाहिए। आर्मी वार कालेज में एक चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि मौजूदा ढांचे को बाधित करना उचित नहीं होगा।
तीनों सेवा प्रमुखों ने मिलकर योजना बनाई
एयर चीफ मार्शल ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए वायु सेना की शक्ति को भी रेखांकित किया। उन्होंने आपेरशन में सीडीएस जनरल अनिल चौहान की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि उन्होंने और तीनों सेवा प्रमुखों ने मिलकर योजना बनाई और ऑपरेशन को सफलतापूर्वक लागू किया।
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