Ranya Rao Case: रान्या राव सोना तस्करी मामले में कर्नाटक के गृह मंत्री से जुड़े संस्थानों पर छापे, कांग्रेस ने की आलोचना
ईडी ने बुधवार को अभिनेत्री रान्या राव और अन्य के खिलाफ सोना तस्करी से जुड़े मनी लांड्रिंग की जांच के तहत कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों सहित कर्नाटक में कई स्थानों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएमएलए के तहत राज्य में 16 स्थानों पर छापेमारी की गई। छापेमारी हवाला ऑपरेटरों को निशाना बनाकर की गई।

पीटीआई, बेंगलुरु। ईडी ने बुधवार को अभिनेत्री रान्या राव और अन्य के खिलाफ सोना तस्करी से जुड़े मनी लांड्रिंग की जांच के तहत कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों सहित कर्नाटक में कई स्थानों पर छापेमारी की।
राज्य में 16 स्थानों पर छापेमारी
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएमएलए के तहत राज्य में 16 स्थानों पर छापेमारी की गई। छापेमारी हवाला ऑपरेटरों को निशाना बनाकर की गई, जिन्होंने कथित तौर पर राव के खातों में फर्जी वित्तीय लेनदेन किए थे।
ईडी ने कुछ महीने पहले राव के मामले सहित भारत में एक बड़े सोने की तस्करी रैकेट में सीबीआइ और डीआरआइ की शिकायत का संज्ञान लेते हुए पीएमएलए का मामला दर्ज किया था।
एक शैक्षिक ट्रस्ट पर संदेह
ईडी के सूत्रों ने कहा कि एक शैक्षिक ट्रस्ट पर संदेह है कि उसने एक प्रभावशाली व्यक्ति के निर्देश पर रान्या राव के क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 40 लाख रुपये का भुगतान किया है। सूत्रों ने दावा किया कि ट्रस्ट परमेश्वर से जुड़ा हुआ है और प्रभावशाली व्यक्ति एक राजनीतिक रूप से उजागर व्यक्ति है।
उन्होंने बताया कि तलाशी में पाया गया कि क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान को पुष्ट करने के लिए कोई सहायक वाउचर या दस्तावेज नहीं थे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने ईडी की छापेमारी पर टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने उठाए सवाल
वहीं, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों पर छापेमारी की क्या जरूरत है। मेरे गृह मंत्री का किसी मामले में शामिल होना संभव नहीं है। शिवकुमार ने कहा कि मेरे पास उचित जानकारी नहीं है। इस बारे में मैं जानकारी जुटाता हूं, फिर कुछ कह पाऊंगा।
सुरजेवाला ने किया बचाव
वहीं, कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने परमेश्वर को अनुसूचित जाति का बड़ा नेता बताया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि छापेमारी पिछली भाजपा सरकारों के भ्रष्टाचार को छुपाने और इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों पर दबाव डालने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि संविधान और देशभर में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा ओबीसी समुदायों के नेताओं पर लगातार हमला एक आदत बन गई है।
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