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    क्या न्यायालय की निगरानी में होगी 'RCOM से बैंकिंग धोखाधड़ी' मामले की जांच? PIL पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 06:28 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी से जुड़े 20,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी मामले की जांच पर सहमत हो गया है। वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से निगरानी में जांच की मांग की है। याचिका में सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और वित्तीय हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। सीबीआई जांच के दायरे पर भी सवाल उठाए गए हैं, जिसमें बैंक अधिकारियों और नियामकों की भूमिका की जांच की मांग की गई है।

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    अदालत की निगरानी में 'RCOM से बैंकिंग धोखाधड़ी' की जांच की अपील। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकाम), उसकी समूह कंपनियों और उनके प्रमोटर अनिल अंबानी से जुड़ी 20,000 करोड़ रुपये की कथित बैंकिंग और कार्पोरेट धोखाधड़ी की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सहमत हो गया।

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    वकील प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ के समक्ष इस याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।

    कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

    वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह 20,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी है। हम कोर्ट की निगरानी में एक स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं। यह एक बड़े कार्पोरेट समूह से संबंधित है।

    चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इसे सूचीबद्ध करेंगे। पूर्व केंद्रीय सचिव ईएएस सरमा द्वारा दायर याचिका में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस एडीए समूह की कई संस्थाओं में सार्वजनिक धन के व्यवस्थित रूप से दुरुपयोग, वित्तीय विवरणों में हेराफेरी और संस्थागत मिलीभगत का आरोप लगाया गया है।

    याचिका में कही गई ये बात

    याचिका में कहा गया है कि 21 अगस्त को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी और ईडी की संबंधित कार्यवाही कथित धोखाधड़ी के केवल एक छोटे से हिस्से को ही संबोधित करती है। गंभीर अनियमितताओं को उजागर करने वाले विस्तृत फोरेंसिक आडिट के बावजूद याचिका में दावा किया गया है कि कोई भी एजेंसी बैंक अधिकारियों, लेखा परीक्षकों या नियामकों की भूमिका की जांच नहीं कर रही है, जिसे वह एक ''गंभीर विफलता'' कहते हैं। 

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