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    आरजी कर मामला: ममता सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों की पुलिस से झड़प, पीड़िता के माता-पिता घायल

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 04:19 PM (IST)

    कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की पहली बरसी पर प्रदर्शनकारियों ने नबान्न तक मार्च किया। पुलिस ने पार्क स्ट्रीट चौराहे पर लाठीचार्ज किया क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक पार करने की कोशिश की। सुवेंदु अधिकारी और अन्य भाजपा नेताओं ने धरना दिया जिसमें 100 से अधिक लोग घायल हुए। अधिकारी ने चेतावनी दी कि ममता बनर्जी को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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    ममता सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों की पुलिस से झड़प। (फोटो- पीटीआई)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना की पहली बरसी पर शनिवार को बंगाल सचिवालय नबान्न तक मार्च के दौरान मध्य कोलकाता के पार्क स्ट्रीट चौराहे पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया।

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    रानी राश्मोनी रोड सभा स्थल से आगे न बढ़ने की पुलिस की चेतावनी को नजरअंदाज करने के बाद विद्यासागर सेतु की ओर बढ़ने की कोशिश में प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक को पार करने की कोशिश की जिसके बाद तनाव फैल गया।

    सुवेंदु अधिकारी ने किया प्रदर्शन

    विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने भाजपा नेता अग्निमित्रा पाल और भाजपा के अन्य विधायकों के साथ पार्क स्ट्रीट जेएल नेहरू रोड क्रासिंग पर धरना दिया। आरोप है कि पुलिस कार्रवाई में अधिकारी और भाजपा के अन्य नेताओं सहित 100 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। अधिकारी ने यह भी दावा किया कि लाठीचार्ज के दौरान आरजी कर पीड़िता के माता-पिता घायल हो गए।

    'भारी कीमत चुकानी पड़ेगी'

    • सुवेंदु अधिकारी ने चेताया कि ममता बनर्जी को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह विरोध आगे और भी बड़ा होने वाला है। प्रदर्शनकारियों का एक समूह शनिवार को हावड़ा जिले के सांतरागाछी पहुंचा और वहां पुलिस के अवरोधक को पार करने का प्रयास किया।
    • नबान्न’ चलो अभियान के तहत प्रदर्शनकारियों ने मृत चिकित्सक के लिए न्याय की मांग की और पुलिस अवरोधक के बावजूद राज्य सचिवालय तक पहुंचने का अपना संकल्प व्यक्त किया।
    • एक प्रदर्शनकारी को यह कहते सुना गया कि पुलिस हम पर गोली चला सकती है, लेकिन हम नबान्न पहुंचने के लिए दृढ़ हैं, जहां राज्य सरकार को जवाब देना होगा कि एक साल बाद भी अभया (आरजी कर कांड में जान गंवाने वाली चिकित्सक के लिए प्रतीकात्मक नाम) को न्याय क्यों नहीं मिला।
    • पुलिस प्रदर्शनकारियों को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाउडस्पीकर के जरिए लगातार अपील कर रही थी लेकिन प्रदर्शनकारी 10 फुट ऊंचे अवरोधक पार करने की कोशिश करते दिखे।
    • कुछ प्रदर्शनकारियों को अवरोधकों को तोड़ने और उसे पार करने के लिए भारी औजारों का इस्तेमाल करते भी देखा गया।प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे के अलावा महिला चिकित्सक के लिए न्याय और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग वाले पोस्टर और बैनर लिये हुए थे।

    प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात

    प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस बल, त्वरित प्रतिक्रिया बल के जवान और यहां तक कि वाटर कैनन तैनात किए गए। मृत डाक्टर के माता-पिता ने लोगों से नबान्न तक मार्च में शामिल होने की अपील की जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से बिना किसी पार्टी के झंडे के जुलूस में शामिल होने की अपील की।

    'ममता बनर्जी को इस भीड़ से डर लग रहा है'

    इस बीच, अधिकारी भाजपा के कुछ विधायकों के साथ कोलकाता के मध्य इलाके एस्प्लेनेड स्थित डोरीना क्रासिंग पहुंचे और वहां चिकित्सक के माता-पिता के साथ शामिल हुए। इस दौरान भाजपा के बैनर, झंडे या पार्टी के किसी अन्य चिह्न का इस्तेमाल नहीं किया गया। अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी प्रशासन विरोध प्रदर्शन में उमड़ी इस भारी भीड़ से डर रहा है।

    मृत चिकित्सक के पिता ने आरोप लगाया कि उच्च न्यायालय द्वारा शांतिपूर्ण विरोध रैली निकालने की अनुमति दिए जाने के बावजूद पुलिस हमारे साथ सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने रास्ते में कई जगहों पर लोगों के वाहनों को रोककर उन्हें सभा स्थल तक पहुंचने से रोकने की कोशिश की।

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