बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य की मौत की जांच शुरू, बॉम्बे हाईकोर्ट भी पहुंचा मामला
मुंबई के पवई इलाके में बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या की मौत की मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है। पुलिस कार्रवाई में आर्या को गोली लगी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट में इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है, जिसमें पुलिस कार्रवाई को फर्जी मुठभेड़ बताया गया है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि बकाया भुगतान न होने से आर्या तनाव में था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पवई इलाके में बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या की मौत की स्वतंत्र मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी गई है। 30 अक्टूबर को मुंबई के एक रिकार्डिंग स्टूडियो में 17 बच्चों और दो वयस्कों को छुड़ाने के दौरान पुलिस की कार्रवाई में आर्या को गोली लग गई थी।
उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। यह मजिस्ट्रेट जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा शुरू की गई जांच के साथ-साथ चल रही है। बच्चों को बंधक बनाए जाने की यह घटना गुरुवार दोपहर 1.30 बजे से शाम 5.15 बजे के बीच महावीर क्लासिक बि¨ल्डग स्थित आरए स्टूडियो में हुई।
पुलिस की कार्रवाई के बाद यह संकट खत्म हुआ था। संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी ने सोमवार को बताया कि आर्या की मौत की मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी गई है। मजिस्ट्रेट जांच स्वतंत्र है। संबंधित मजिस्ट्रेट गवाहों को बुलाएंगे, बयान दर्ज करेंगे और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
सीबीआइ जांच के लिए याचिका
बांबे हाई कोर्ट में सोमवार को एक याचिका दायर कर रोहित आर्या मामले में पुलिस कार्रवाई को फर्जी मुठभेड़ बताते हुए सीबीआइ जांच की मांग की गई है। याचिकाकर्ता शोभा बुद्धिवंत ने दावा किया कि पुलिस ने एक राजनीतिक नेता के इशारे पर आत्मरक्षा और प्रतिशोध के बहाने आर्या की हत्या की। राज्य सरकार द्वारा लंबित बकाये का भुगतान नहीं करने के कारण आर्या मानसिक तनाव से जूझ रहा था।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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