SC ने UP के पुलिस अधिकारी को आवाज का नमूना देने का दिया आदेश, विवादित टिप्पणी का है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी संजीव त्यागी को आवाज का नमूना जांच के लिए देने का आदेश दिया है, ताकि उसकी आवाज का मिलान एक विवादित आ ...और पढ़ें
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SC ने UP के पुलिस अधिकारी को आवाज का नमूना देने का दिया आदेश (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी को आवाज का नमूना जांच के लिए देने का आदेश दिया है, ताकि उसकी आवाज के नमूने की जांच और मिलान एक विवादित आडियो क्लिप से हो सके। इस क्लिप में आपत्तिजनक विवादित टिप्पणी का आरोप है।
इसके साथ ही कोर्ट ने विवादित टिप्पणी वाली आडियो क्लिप उजागर करने वाले व्यक्ति के खिलाफ दर्ज मामला रद कर दिया है। कोर्ट ने आवाज का नमूना देने का आदेश बस्ती रेंज के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआइजी) संजीव त्यागी को दिया है। 2020 में मामला दर्ज होने के समय संजीव त्यागी एसपी थे।
SC में याचिका की थी दाखिल
ये आदेश जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और के. विनोद चंद्रन की पीठ ने इसलामुद्दीन अंसारी की याचिका पर दिए। इस्लामुद्दीन अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश में बिजनौर के कोतवाली शहर थाने में दर्ज मामला रद करने की मांग की थी। हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी।
उसका कहना था कि उसके खिलाफ यह मामला गलत दर्ज किया गया है। इसलिए रद किया जाए। उसका कहना था कि उसने तत्कालीन एसपी के एक वर्ग के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आडियो क्लिप पर कानूनी कार्रवाई की बात कही थी और पूछा था कि क्या विवादित आडियो क्लिप में उन्हीं की आवाज है, इसलिए उस पर बिजनौर में यह केस हुआ।
सोमवार को मामले पर सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता इस्लामुद्दीन अंसारी के खिलाफ लंबित मुकदमा वापस लेने के लिए संबंधित अदालत में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार के उपरोक्त कथन को देखते हुए वह पाता है कि पुलिस द्वारा कार्यवाही करने का यह मामला अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
यह कहते हुए कोर्ट ने इस्लामुद्दीन अंसारी के खिलाफ लंबित सारी आपराधिक कार्रवाई और बिजनौर के थाने में दर्ज केस रद कर दिया। बिजनौर के थाने में यह केस 2020 में दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की पृष्ठभूमि पर चिंता जताते हुए कहा कि वहउन तथ्यों को लेकर चिंतित है जिसके कारण यह केस उत्पन्न हुआ।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता इस्लामुद्दीन अंसारी ने औपचारिक शिकायत करने से पहले तत्कालीन एसपी संजीव त्यागी से पूछा था कि क्या आपत्तिजनकटिप्पणी वाले आडियो क्लिप में उनकी आवाज है। कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि अधिकारी ने उसका जवाब नहीं दिया।
इस समय संजीव त्यागी उत्तर प्रदेश में बस्ती रेंज के डीआइजी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने संजीव त्यागी को आदेश दिया है कि वह अपनी आवाज का नमूना जांच के लिए हैदराबाद स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) को भेजें, ताकि उसका उस आडियो क्लिप से मिलान किया जा सके।
कोर्ट ने अधिकारी के दिए आदेश
इसके साथ ही कोर्ट ने संजीव त्यागी को नोटिस जारी करते हुए मामले में प्रतिवादी बना लिया है। कोर्ट ने पुलिस अधिकारी को आदेश दिया है कि वह एफएसएल द्वारा बताई गई जगह और समय पर आवाज का नमूना देने के लिए पेश हों।
कोर्ट ने तीन सप्ताह में नमूना देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने एफएसएल के निदेशक अपनी निगरानी में जांच कराएंगे और सुप्रीम कोर्ट में सील बंद कवर में 31 जनवरी तक रिपोर्ट दाखिल करेंगे। मामले में सुप्रीम कोर्ट 12 जनवरी को फिर सुनवाई करेगा।

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