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    बिलकिस केस में रिहाई के खिलाफ 7 अगस्त को अंतिम सुनवाई करेगा SC, सभी दोषियों को भेजा जा चुका है नोटिस

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Mon, 17 Jul 2023 10:53 PM (IST)

    सभी पक्षों को अपने संक्षिप्त लिखित बयानों मामले के सार और तिथियों की सूची के साथ आना होगा। सुनवाई के दौरान बिलकिस बानो की अधिवक्ता शोभा गुप्ता ने कहा कि नोटिस स्थानीय अखबारों में एक जून को प्रकाशित हुए थे और सात जून के संदर्भ में उन्होंने एक हलफनामा भी दाखिल किया है। कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को कुछ मुख्य मुद्दों और बहस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

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    सभी पक्षों को अपने संक्षिप्त लिखित बयानों, मामले के सार और तिथियों की सूची के साथ आना होगा।

    नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों में बिलकिस बानो के दुष्कर्म और स्वजनों की हत्या मामले में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका की अंतिम सुनवाई शुरू करने की तारीख 7 अगस्त सुनिश्चित कर दी है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्जवल भुयन की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में अदालत में जिरह हो चुकी है और सभी दोषियों को नोटिस भेजा जा चुका है। इसलिए अब अंतिम सुनवाई को सात अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।

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    सुनवाई के दौरान क्या कहा बिलकिस बानो की अधिवक्ता ने ?

    सभी पक्षों को अपने संक्षिप्त लिखित बयानों, मामले के सार और तिथियों की सूची के साथ आना होगा। सुनवाई के दौरान बिलकिस बानो की अधिवक्ता शोभा गुप्ता ने कहा कि नोटिस स्थानीय अखबारों में एक जून को प्रकाशित हुए थे। और सात जून के संदर्भ में उन्होंने एक हलफनामा भी दाखिल किया है। याचिकाकर्ताओं की वकील इंदिरा जय सिंह और वृंदा ग्रोवर ने कहा कि सर्वोच्च अदालत के निर्देशानुसार उनके मामलों पर नोटिस जारी किया गया था।

    याचिकाकर्ताओं के पास अपने जवाब देने के लिए तीन हफ्ते के समय : कोर्ट

    कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को कुछ मुख्य मुद्दों और बहस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। साथ ही याचिकाकर्ताओं के पास अपने जवाब देने के लिए तीन हफ्ते के समय है। उन्होंने दोषियों को उनकी रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं के खिलाफ जवाबी हलफनामा भी दायर करने को कहा है।

    क्या है मामला?

    उल्लेखनीय है कि गुजरात सरकार ने इस मामले के 11 दोषियों को सजा में छूट देते हुए पिछले साल 15 अगस्त को उन्हें जेल से रिहा कर दिया था। दोषियों की रिहाई के खिलाफ माकपा की नेता सुभाषिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लाल, लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने याचिकाएं दायर की हैं।