अमेरिका की बदली हुई भाषा, बदले संदेश... सर्जियो गोर को ट्रंप ने भारत में बनाया अपना राजदूत
सर्गेई गोर को भारत में अमेरिका के नए राजदूत के रूप में नामित किया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी घोषणा की। गोर ट्रंप के करीबी समर्थक रहे हैं। उनकी नियुक्ति भारत के साथ अमेरिका की बदलती नीति का संकेत देती है। ट्रंप ने भारत को सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र के रूप में उल्लेख किया है।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। सर्गियो गोर भारत में अमेरिका के नये राजदूत के तौर पर नामित किये गये हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया के जरिए इस बात की जानकारी दी।
गोर राष्ट्रपति ट्रंप के सबसे मजबूत समर्थकों में से एक हैं जिन्होंने “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन'' (मागा) कार्यक्रम को स्थापित करने व इसे आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। गोर को भारत के राजदूत के साथ ही अमेरिका के दक्षिण एशिया व केंद्रीय एशिया के विशेष दूत के तौर पर भी नामित किया गया है।
ट्रंप ने दिया बदलती नीति का संदेश
भारत के भावी राजदूत के तौर पर अपने करीबी मित्र को नियुक्त करना, भारत के साथ ही गोर को दक्षिण व मध्य एशिया की जिम्मेदारी देना और इस नियुक्ति को लेकर जारी संदेश की भाषा के जरिए राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को लेकर अपनी बदलती नीति का भी संकेत दे दिया है।
ट्रंप ने लिखा है कि, “मुझे इस बात की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि सर्जियो गोर भारत में अमेरिका के नये राजदूत और दक्षिण एशिया व मध्य एशिया के विशेष दूत के तौर पर पद्दोनत होंगे। वह एक बेहतरीन दोस्त हैं जो मेरे साथ कई वर्षों से हैं। उन्होंने मेरी ऐतिहासिक राष्ट्रपति पद के लिए अभियान में काम किया है, मेरी सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तक को प्रकाशित किया है और हमारे आंदोलन को समर्थन देने वाले सबसे बड़े सुपर पैक (पॉलिटिकल एक्शन कमेटी) में से एक का नेतृत्व किया।''
ट्रंप का संदेश बना चर्चा का विषय
साफ है कि गोर की नियुक्ति उनकी भारत या दक्षिण एशिया की विशेषज्ञता को लेकर नहीं बल्कि नजदीकी राजनीतिक संबंधों की वजह से हुई है। जनवरी, 2025 से खाली राजदूत के पद पर गोर को नामित करने संबंधी संदेश पर आधिकारिक तौर पर भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है। इस संदेश में ट्रंप ने भारत को किसी खास रणनीतिक साझेदार के देश तौर पर चिन्हित करने के बजाये सबसे ज्यादा आबादी वाले क्षेत्र के तौर पर बताया है, यह बात नई दिल्ली में चर्चा का विषय है।
पिछले 20 वर्षों के चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों बिल क्लिंटन, जॉर्ज बुश, बराक ओबामा और जो बाइडन ने हमेशा भारत को एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार देश के तौर पर चिन्हित किया है।
ट्रंप ने लिखा है कि, “विश्व के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लिए, यह जरूरी है कि मेरे पास ऐसा व्यक्ति हो जिस पर मैं पूरी तरह भरोसा कर सकूं और जो मेरे एजेंडे को पूरी तरह लागू कर सके ताकि हम ''''अमेरिका को फिर से महान बना सकें।'' ''सर्जियो एक शानदार राजदूत साबित होंगे।''
ट्रंप की भारत विरोधी नीति तो नहीं
कुछ लोग इसे शुल्क को लेकर ट्रंप प्रशासन की भारत विरोधी नीति के साथ जोड़ कर देख रहे हैं कि कैसे रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वाले देश चीन को लेकर नरमी दिखाया जा रहा है जबकि भारत पर 50 फीसद का शुल्क लगा दिया गया है। इसी तरह से भारत के राजदूत के तौर पर स्थापित व्यक्ति को दक्षिण व मध्य एशिया का विशेष दूत बनाना भी बहुत बड़ा संदेश है।
पिछले एक दशक के दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत को अभी तक हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नीति को आगे बढ़ाने वाले के तौर पर देखा जाता रहा है लेकिन संभवत: भारत को पूरे दक्षिण एशिया के साथ समग्र तौर पर देख रहा है। कुछ और लोगों ने इसे भारत व पाकिस्तान को एक चश्मे से देखने की अमेरिका की पुरानी नीति को फिर से आजमाने के तौर पर देखा है।
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