लोन के नाम पर ठगी? पति राज कुंद्रा के साथ शिल्पा शेट्टी भी मुश्किल में, 60 करोड़ के फ्रॉड में केस दर्ज
Shilpa Shetty Fraud Case बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा पर 60.4 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। मुंबई के एक व्यापारी ने आरोप लगाया कि उनकी बंद हो चुकी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड ने व्यापार विस्तार के नाम पर पैसे लिए और व्यक्तिगत खर्चों के लिए इस्तेमाल किए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके कारोबारी पति राज कुंद्रा पर एक बड़े धोखाधड़ी का आरोप लगा है। मुंबई के एक कारोबारी ने इन दोनों पर 60.4 करोड़ रुपये की ठगी का इल्जाम लगाया है। यह मामला उनकी अब बंद हो चुकी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है।
मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने इस सिलसिले में शिल्पा, राज और एक अज्ञात शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कारोबारी दीपक कोठारी का दावा है कि यह रकम बिजनेस बढ़ाने के नाम पर ली गई, मगर इसका इस्तेमाल निजी खर्चों के लिए किया गया।
पुलिस के मुताबिक, यह शिकायत जुहू पुलिस स्टेशन में पहले दर्ज की गई थी, जहां धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़ी धाराओं के तहत मामला लिखा गया। चूंकि रकम 10 करोड़ रुपये से ज्यादा थी, इसलिए अब इसकी जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
दीपक कोठारी जुहू के रहने वाले हैं और वह लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज के डायरेक्टर हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात शिल्पा और राज से राजेश आर्या नाम के शख्स ने करवाई थी।
उस वक्त शिल्पा और राज बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर थे, जो एक होम शॉपिंग और ऑनलाइन रिटेल कंपनी थी। इस कंपनी में दोनों के पास 87.6 फीसद हिस्सेदारी थी।
कोठारी का कहना है कि शिल्पा और राज ने उनसे 75 करोड़ रुपये का कर्ज मांगा, जिस पर 12 फीसद ब्याज देने की बात कही।
बाद में उन्होंने कर्ज को "निवेश" के तौर पर लेने की सलाह दी ताकि ज्यादा टैक्स न देना पड़े। इसके साथ ही हर महीने मुनाफा और मूल रकम लौटाने का वादा किया। कोठारी ने अप्रैल 2015 में 31.9 करोड़ रुपये और सितंबर 2015 में 28.53 करोड़ रुपये कंपनी को ट्रांसफर किए। यह रकम शेयर सब्सक्रिप्शन और सप्लीमेंट्री एग्रीमेंट के तहत दी गई थी।
दिवालिया हो गई कंपनी
कोठारी का दावा है कि अप्रैल 2016 में शिल्पा शेट्टी ने पर्सनल गारंटी दी थी, लेकिन सितंबर 2016 में उन्होंने डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद कोठारी को पता चला कि 2017 में कंपनी दिवालिया हो गई, क्योंकि उसने एक और एग्रीमेंट की शर्तों का पालन नहीं किया। कोठारी का कहना है कि उनके पैसे का गलत इस्तेमाल किया गया और यह रकम उनके निजी खर्चों में खपाई गई।
अब ईओडब्ल्यू इस मामले की गहराई से तहकीकात कर रही है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद एफआईआर दर्ज की है और जल्द ही इस मामले में और जानकारी सामने आने की उम्मीद है।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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