महाराष्ट्र में ब्राह्मणों के लिए बने निगम में छह वरिष्ठ नौकरशाहों को बनाया गया निदेशक, आर्थिक रूप से ऊपर उठाने में होगी मदद
महाराष्ट्र सरकार ने ब्राह्मण समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद के लिए बनाए गए परशुराम आर्थिक विकास निगम के पहले निदेशक के रूप में छह वरिष्ठ नौकरशाहों को नियुक्त किया है। ब्राह्मणों के लिए यह निगम बनाने की घोषणा पिछले वर्ष सितंबर में शिंदे सरकार के कार्यकाल में हुई थी। इस संबंध में राज्य योजना विभाग द्वारा 19 अगस्त को एक आदेश जारी किया गया।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने ब्राह्मण समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद के लिए बनाए गए परशुराम आर्थिक विकास निगम के पहले निदेशक के रूप में छह वरिष्ठ नौकरशाहों को नियुक्त किया है। ब्राह्मणों के लिए यह निगम बनाने की घोषणा पिछले वर्ष सितंबर में शिंदे सरकार के कार्यकाल में हुई थी।
समुदाय की आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने में मिलेगी मदद
इस संबंध में राज्य योजना विभाग द्वारा 19 अगस्त को एक आदेश जारी किया गया। नए निकाय की स्थापना कृषि से संबंधित गतिविधियों, प्रसंस्करण, भंडारण, लघु उद्योग, परिवहन और अन्य उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए की गई है, ताकि समुदाय की आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने में मदद मिल सके।
राज्य ने निगम के लिए मेमोरेंडम आफ एसोसिएशन (एमओए) और आर्टिकल्स आफ एसोसिएशन (एओए) को भी मंजूरी दे दी है। योजना, वित्त, कौशल विकास एवं रोजगार, उद्योग, कृषि और ओबीसी कल्याण विभागों के वरिष्ठ अधिकारी निगम के पदेन सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।
अप्पासो धुलज को निगम का पहला निदेशक नियुक्त किया
सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (योजना) राजगोपाल देवड़ा, प्रमुख सचिव (व्यय) सौरभ विजय, अतिरिक्त मुख्य सचिव (कौशल विकास और रोजगार) मनीषा वर्मा, उद्योग सचिव अनबालागन पी., कृषि प्रमुख सचिव विकास चंद्र रस्तोगी और ओबीसी कल्याण सचिव अप्पासो धुलज को निगम का पहला निदेशक नियुक्त किया है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में ब्राह्मण समुदाय की आबादी 80 से 90 लाख के बीच है। इसमें 70 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर बताए जाते हैं। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को शिक्षा एवं नौकरियों में 16 प्रतिशत आरक्षण मिलने के बाद से ही ब्राह्मणों एवं क्षत्रियों की तरफ से भी कमजोर वर्ग के सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग की जाने लगी थी।
दोनों निगमों के लिए 50-50 करोड़ की राशि भी आवंटित की
इसे ध्यान में रखते हुए पिछले विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर 2024 में शिंदे सरकार ने ब्राह्मणों एवं क्षत्रियों दोनों समुदायों के कमजोर वर्गों के लिए आर्थिक विकास निगम बनाने की घोषणा की थी। दोनों निगमों के लिए 50-50 करोड़ की राशि भी आवंटित की गई थी।
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