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    CJI गवई पर जूता फेंकने का प्रयास, वकील ने सनातन के नारे लगाए... कोर्टरूम में उस दौरान क्या हुआ था?

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 09:39 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अप्रिय घटना हुई जहाँ वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की लेकिन वे बाल-बाल बच गए। घटना के बावजूद सीजेआई ने बिना विचलित हुए सुनवाई जारी रखी। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने तत्काल प्रभाव से आरोपी वकील को निलंबित कर दिया है।

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    सीजेआई ने घटना से प्रभावित हुए बगैर मुकदमों की सुनवाई जारी रखी (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत में सोमवार को एक अप्रिय घटना घटी। एक वकील राकेश किशोर ने मुकदमों की सुनवाई कर रहे भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। हालांकि सीजेआई ने घटना से प्रभावित हुए बगैर मुकदमों की सुनवाई जारी रखी।

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    उन्होंने वकीलों से भी प्रभावित हुए बगैर बहस जारी रखने को कहा। जस्टिस गवई ने कहा कि इससे उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने आरोपी वकील के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

    एक घंटे देर से बैठी थी पीठ

    सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने घटना की कड़ी निंदा की है। सोमवार को चीफ जस्टिस की पीठ एक घंटे देर से बैठी थी। जब सीजेआई बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ मुकदमों की सुनवाई कर रही थी। तो पहले मेंशनिंग हुई और मेंशनंग खत्म होने के बाद पहला केस सुना जा रहा था कि तभी एक कोने पर खड़े वकील ने मुकदमों की सुनवाई कर रहे सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश की।

    अदालत कक्ष में मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी वकील अनस तनवीर ने बताया कि आरोपी वकील की ड्रेस में था उसने एक हाथ में काला बैग लिया हुआ था। साथ ही कुछ कागजात भी रोल करके लिए हुए था। उसने जूता सीजेआई की ओर उछाला तभी कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे काबू कर लिया और अदालत कक्ष के बाहर मौजूद सुरक्षा कर्मी भी तुरंत अंदर आ गए और आरोपी वकील को पकड़ कर बाहर ले गए।

    सनातन धर्म का लगा रहा था नारा

    अनस जो कि उस वक्त विजिटर गैलरी में मौजूद थे उन्होंने सुना कि जब आरोपी वकील को बाहर ले जाया जा रहा था तो वह बड़बड़ाता जा रहा था 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान '। लेकिन इस घटना के बावजूद कोर्ट की कार्रवाई चलती रही। मात्र कुछ सैकेंड का ही व्यवधान कार्रवाई में हुआ फिर सीजेआई सुचारु रूप से शांत चित्त से बिना प्रभावित हुए मुकदमे सुनते रहे।

    बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने घटना को गंभीरता से लेते हुए आरोपित वकील राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने वकील राकेश किशोर को अंतरिम आदेश में तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। निलंबन की अवधि में वकील राकेश किशोर देश की किसी भी अदालत या ट्रिब्युनल में वकील के तौर पर पेश नहीं हो सकते।

    आरोपी को कारण बताओ नोटिस जारी

    15 दिन में कारण बताओ नोटिस का जवाब मांगा गया है जिसमें उसे बताना होगा कि क्यों न इस आदेश को जारी रखा जाए। बीसीआई ने कहा है कि राकेश किशोर के खिलाफ कानून के मुताबिक अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी। बीसीआई ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली से कहा है कि वह आरोपित वकील के निलंबन की बात अपडेट करे। सुप्रीम कोर्ट और सभी उच्च न्यायालयों व ट्रिब्युनलों को यह आदेश भेजा जाएगा ताकि उन्हें पता रहे कि वकील राकेश किशोर निलंबित कर दिये गए हैं और किसी कोर्ट में वकील के तौर पर पेश नहीं हो सकते।

    बीसीआई ने जारी आदेश में कहा है कि राकेश किशोर जो कि बार काउंसिल दिल्ली में वकील पंजीकृत है, ने छह अक्टूर को सुबह करीब 11.35 बजे सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट नंबर एक में चल रही सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस पर अपना जूता उतार कर फेंकने की कोशिश की जिस पर सुरक्षा कर्मियों ने उसे हिरासत में ले लिया। बीसीआई ने कहा है कि राकेश किशोर का आचरण अदालत की गरिमा के खिलाफ और नियमों का उल्लंघन करने वाला है।

    एसोसिएशन ने घटना की निंदा की

    उधर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने भी प्रस्ताव जारी कर सीजेआई पर जूता उछालने की घटना की निंदा की है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने घटना को स्तब्ध करने वाली बताते हुए कहा है कि बार और बेंच न्याय प्रदान प्रणाली के दो स्तंभ हैं। दोनों एक दूसरे का सम्मान करते हैं। जो भी बार बेंच के इस पवित्र बांड को कमजोर करने की कोशिश करता है वह सिर्फ इस संस्था को ही नहीं बल्कि देश के न्यायिक तानेबाने को भी नुकसान पहुंचाता है।

    सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकार्ड एसोसिएशन ने भी घटना की निंदा करते हुए कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई शुरू करे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अभी तक पुलिस में इस घटना के बारे में कोई शिकायत नहीं गई है।

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