सरोगेसी कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, जनवरी 2022 से पहले प्रक्रिया शुरू करने वाले कपल पर लागू नहीं होगी आयुसीमा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2021 के सरोगेसी कानून के तहत आयु सीमा उन दंपतियों पर लागू नहीं होगी, जिन्होंने 25 जनवरी 2022 से पहले भ्रूण फ्रीज करने जैसी प्रक्रिया शुरू कर दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि किसी अन्य दंपती को ऐसी ही शिकायत है तो वे हाई कोर्ट जा सकते हैं। यह फैसला जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनाया।

2021 सरोगेसी कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि 2021 के सरोगेसी कानून के तहत आयु सीमा उन दंपतियों पर लागू नहीं होगी, जिन्होंने 25 जनवरी 2022 को कानून लागू होने से पहले भ्रूण 'फ्रीज' करने जैसी प्रक्रिया आरंभ की थी। इस अधिनियम में इच्छुक दंपतियों और सरोगेट (किराये की कोख देने वाली) माताओं के लिए आयु सीमा निर्धारित की गई है।
न्यायालय ने कहा कि यदि दंपती ने सरोगेसी (रेगुलेशन) एक्ट, 2021 के लागू होने से पूर्व विभिन्न प्रक्रियाएं शुरू की हैं तो आयु प्रतिबंध लागू नहीं होगा। कानून के अनुसार, भावी मां की आयु 23 से 50 वर्ष और भावी पिता की आयु 26 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने तीन दंपतियों द्वारा दायर याचिकाओं पर यह निर्णय सुनाया।
पीठ ने कहा कि 25 जनवरी, 2022 से पहले सरोगेसी का लाभ लेने के इच्छुक दंपतियों पर आयु प्रतिबंध के संबंध में कोई बाध्यकारी कानून नहीं था। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अधिनियम के तहत आयु सीमा निर्धारित करने या इसकी वैधता पर संसद के विवेक पर सवाल नहीं उठा रही है।
कोर्ट ने कहा- ''हमारे समक्ष मौजूद मामले उन दंपतियों तक सीमित हैं, जिन्होंने अधिनियम लागू होने से पहले सरोगेसी प्रक्रिया शुरू की थी।'' इसके अलावा, पीठ ने कहा कि यदि किसी अन्य दंपती को इसी प्रकार की शिकायत है तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बजाय संबंधित हाई कोर्ट में जाना चाहिए। पीठ के विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा की जा रही है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।