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    'आधार को भी...', बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, चुनाव आयोग ने कांग्रेस-राजद की बताई सच्चाई

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 02:43 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान आधार कार्ड को 11 स्वीकार्य दस्तावेजों में से एक के रूप में स्वीकार करने का निर्देश दिया है। अदालत में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से हटाए गए नामों को सही करने में राजनीतिक दलों की निष्क्रियता पर आश्चर्य व्यक्त किया और उनसे आगे आने का आग्रह किया।

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    बिहार एसआईआर में आधार को स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची से बाहर रखा गया है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सु्प्रीम कोर्ट ने शुक्रवार दोपहर कहा कि निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची के चल रहे 'विशेष गहन पुनरीक्षण' के दौरान बिहार के मतदाताओं की ओर से प्रस्तुत किए जा सकने वाले 11 दस्तावेजों में से एक के रूप में आधार को स्वीकार करना होगा।

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    बता दें आधार को स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची से बाहर रखा गया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 15 सितंबर 2025 की रखी है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने कांग्रेस-आरजेडी की सच्चाई भी सामने ला दी है और कहा कि राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए।

    पार्टियों की निष्क्रियता पर चुनाव आयोग हैरान

    चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग ने हटाए गए मतदाताओं के नामों को सही करने के मामले में राजनीतिक दलों की निष्क्रियता पर हैरानी जाहिर की है।

    चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा कि बिहार एसआईआर में 85,000 नए मतदाता सामने आए हैं, हालांकि, राजनीतिक दलों के बूथ स्तर के एजेंटों की ओर से केवल दो आपत्तियां दर्ज की गई हैं।

    आपत्तियों पर पावती रसीद दी जाए: सुप्रीम कोर्ट

    कोर्ट ने कहा कि मतदाता सूची से हटाए गए लोगों को ऑनलाइन और फिजिकल दोनों तरीकों से दावा दाखिल करने की अनुमति होगी। इसके लिए आधार कार्ड या 11 अन्य स्वीकार्य दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

    शीर्ष अदालत ने कहा, "हम बिहार एसआईआर के लिए आधार कार्ड या किसी अन्य स्वीकार्य दस्तावेज के साथ हटाए गए मतदाताओं के दावों को ऑनलाइन प्रस्तुत करने की अनुमति देंगे।"

    सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को मतदाता-अनुकूल बनाने पर जोर देते हुए राजनीतिक दलों से आगे आने और हटाए गए वोटरों की मदद करने को कहा।

    कोर्ट ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को निर्देश दिया कि वे राजनीतिक दलों को कोर्ट की कार्यवाही में शामिल करें और दावा दाखिल करने की स्थिति पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करें।

    कोर्ट ने निर्वाचन आयोग (ECI) को यह भी निर्देश दिया कि राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स द्वारा जमा किए गए दावों के लिए पावती रसीद दी जाए।

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी वोटर को सूची से बाहर न किया जाए। कोर्ट ने भरोसा जताया कि इस प्रक्रिया से मतदाताओं का विश्वास बहाल होगा और कोई भी वोटर छूटेगा नहीं। 

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