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    दिल्ली हाई कोर्ट और चिड़िया घर के सामने पैदल पार पथ सात महीने पूरा किया जाए, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

    By MALA DIXITEdited By: Deepak Gupta
    Updated: Wed, 08 Oct 2025 11:53 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले 50 शहरों में पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पैदल पार पथ बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने एनएचएआइ और संबंधित एजेंसियों को सर्वे करने का निर्देश दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट और चिड़ियाघर के सामने मथुरा रोड पर सात महीने में काम पूरा करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सर्वे प्राथमिकता से करने को कहा है।

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    दिल्ली हाई कोर्ट और चिड़िया घर के सामने पैदल पार पथ सात महीने पूरा किया जाए


    माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों पर नियंत्रण रखने वाली संबंधित एजेंसियों और एनएचएआइ (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) को निर्देश दिया है कि वह 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 50 शहरों में पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पैदल पार पथ बनाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करे। इसके लिए चरणबद्ध सर्वे शुरू किया जाए जिसमें अतिरिक्त पैदल पार पथ की जरूरतों का आकलन किया जाए।

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    कोर्ट ने इन शहरों के 20 प्रतिशत सड़कों का सर्वे एक वर्ष में पूरा होने की उम्मीद जताई है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट और दिल्ली के चिडि़या घर के सामने मथुरा रोड पर पैदल पार पथ का काम सात महीने में पूरा करने का आदेश दिया है। यह आदेश जस्टिस जेबी पार्डीवाला और केवी विश्वनाथन की पीठ ने सड़क सुरक्षा के मामले में मंगलवार को दिया।

    लोग अपनी जान पर खतरा मोल लेकर पार करते हैं सड़क

    कोर्ट ने आदेश में न्यायमित्र गौरव अग्रवाल का सुझाव दर्ज किया, जिसमें कहा गया था कि जहां पैदल यात्रियों का ज्यादा दबाव रहता है, वहां अतिरिक्त पैदल पार पथ की जरूरत पर विचार किया जाना चाहिए। अग्रवाल ने इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट और चिड़िया घर के सामने मथुरा रोड का उदाहरण दिया था, जहां रोजाना कर्मचारी, वकील और वादी सहित हजारों लोग सड़क पार करते हैं। वहां पर न तो कोई लाल बत्ती है और न ही फुट ओवर ब्रिज या कोई और ट्रैफिक नियंत्रित करने का तरीका है। वहां लोग अपनी जान पर खतरा मोल लेकर सड़क पार करते हैं।

    कोर्ट ने इस बात को ध्यान में लेते हुए सड़क पर नियंत्रण रखने वाली संबंधित एजेंसियों और एनएचएआइ को आदेश दिया है कि वे 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 50 शहरों में अतिरिक्त पैदल पार पथ बनाने की संभावनाओं पर एक्शन प्लान तैयार करें और उसका सर्वे शुरू करें। ये सर्वे भीड़भाड़ वाले इलाकों या जहां दुर्घटनाएं हुई हैं, उन जगहों से शुरू होने चाहिए।

    20 प्रतिशत सड़कों के सर्वे का काम एक साल में पूरा होगा

    कोर्ट ने कहा कि वह उम्मीद करता है कि इन शहरों की कम से कम 20 प्रतिशत सड़कों के सर्वे का काम एक वर्ष में पूरा हो जाएगा और जहां जरूरत होगी वहां अतिरिक्त पैदल पार पथ बनाए जाएंगे। इसी तरह एनएचएआइ कम से कम उन जगहों पर जहां राजमार्ग शहरों या गांवों से होकर गुजरता है, वहां अतिरिक्त पैदल पार पथ बनाने की जरूरत देख सकती है।

    कोर्ट ने आदेश दिया कि इस काम में पहली प्राथमिकता दिल्ली हाई कोर्ट और दिल्ली चिड़िया घर के सामने मथुरा रोड को दी जाए। यहां जल्दी से जल्दी जरूरी कार्रवाई करके सात महीने में काम पूरा कर लिया जाए।