'ऐसा लग रहा आप दूसरे एअरलाइन के हित में...', सुप्रीम कोर्ट ने एअर इंडिया की सुरक्षा ऑडिट की मांग वाली याचिका को किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने एअर इंडिया की सुरक्षा जांच के लिए कमेटी बनाने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि केवल एअर इंडिया को क्यों निशाना बनाया जा रहा है जबकि अन्य एयरलाइनों में भी सुरक्षा मुद्दे हो सकते हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को DGCA या सरकार से संपर्क करने की सलाह दी और कहा कि सभी एयरलाइनों की जांच की मांग करें।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका (PIL) को सुनने से इनकार कर दिया है। इस याचिका में एअर इंडिया की सुरक्षा और रखरखाव के मानकों की स्वतंत्र जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग थी।
इस कमेटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की गुजारिश थी। याचिका में मांग की गई थी कि इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) से मान्यता प्राप्त किसी अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा एजेंसी से एअर इंडिया के पूरे बेड़े का सुरक्षा ऑडिट कराया जाए।
यह याचिका पिछले महीने जून में हुए एक दर्दनाक हादसे के बाद दाखिल की गई थी, जिसमें एअर इंडिया की फ्लाइट 171 क्रैश हो गई थी।
यह हादसा अहमदाबाद से लंदन जा रहे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के साथ हुआ। इस हादसे में 241 यात्रियों में से सिर्फ एक जिंदा बचा।
सुप्रीम कोर्ट का पूछा सवाल- सिर्फ एअर इंडिया क्यों?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि आखिर यह मांग सिर्फ एअर इंडिया के लिए क्यों की जा रही है। कोर्ट ने कहा, "सिर्फ एअर इंडिया क्यों? बाकी एअरलाइंस का क्या? क्या उनके साथ सुरक्षा की कोई समस्या नहीं है?"
कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करने से मना कर दिया और याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल उठाए। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा, "यह बहुत ही दुखद हादसा था, लेकिन सिर्फ एक त्रासदी की वजह से क्या आप एक ही एअरलाइन को निशाना बनाएंगे? ऐसा न लगे कि आप किसी दूसरी निजी एअरलाइन के हित में काम कर रहे हैं।"
DGCA और सरकार से संपर्क करने की सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सलाह दी कि वह अपनी शिकायत पहले डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) या केंद्र सरकार के सामने रखे।
कोर्ट ने कहा, "अगर आप विमानन सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, तो DGCA या सरकार से बात करें। सभी एअरलाइंस, चाहे देसी हों या विदेशी, उनकी जांच की मांग करें। अगर वहां से कोई जवाब न मिले, तभी हम दखल देंगे।"
कोर्ट ने साफ किया कि वह सिर्फ एक एअरलाइन के खिलाफ याचिका पर सुनवाई नहीं करेगा। इस फैसले ने एअर इंडिया की सुरक्षा जांच की मांग को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
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