Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'वो सो रहे हैं, आने दीजिये हम निपट लेंगे...'; आवारा कुत्तों के मामले में किस पर भड़का सुप्रीम कोर्ट?

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 12:24 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर बाकी राज्यों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अनुपालन हलफनामा दाखिल न करने पर नाराजगी जताई और 22 अगस्त के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया, जिसमें सभी राज्यों को एबीसी नियमों का पालन करने के लिए कहा गया था। यह मामला रेबीज के खतरे को देखते हुए स्वतः संज्ञान लिया गया था।

    Hero Image

    अवारा कुत्तों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के इस निवेदन को मानने से मना कर दिया कि पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर बाकी राज्यों के मुख्य सचिवों को आवारा कुत्तों के मामले में 3 नवंबर को कोर्ट के सामने वर्चुअली पेश होने की इजाजत दी जाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मेहता ने जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच के सामने यह मामला उठाया, जिसने यह साफ कर दिया कि मुख्य सचिव को 3 नवंबर को कोर्ट के सामने खुद पेश होना होगा। जस्टिस नाथ ने कहा, "जब हम चाहते हैं कि वे आकर अनुपालन हलफनामा दायर करें, वे बस सो रहे हैं। कोर्ट के आदेश का कोई सम्मान नहीं है तो ठीक है, उन्हें आने दो।"

    सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्देश दिया था?

    27 अक्टूबर को आवारा कुत्तों के मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को 3 नवंबर को कोर्ट के सामने पेश होकर यह बताने का निर्देश दिया था कि कोर्ट के 22 अगस्त के आदेश के बावजूद अनुपालन हलफनामा क्यों फाइल नहीं किए गए।

    22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर के दायरे से बाहर कर दिया और निर्देश दिया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस मामले में पार्टी बनाया जाए। कोर्ट ने नगर निगम अधिकारियों को पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियमों के पालन के लिए आज की तारीख तक उपलब्ध डॉग पाउंड, जानवरों के डॉक्टरों, कुत्ते पकड़ने वाले कर्मचारियों, और खास तौर पर मॉडिफाइड गाड़ियों और पिंजरों जैसे रिसोर्स के पूरे स्टैटिस्टिक्स के साथ पालन का एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया था।

    सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः लिया था संज्ञान

    बेंच ने इस मामले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी शामिल किया था और कहा था कि एबीसी नियमों का इस्तेमाल पूरे भारत में एक जैसा है। कोर्ट स्वतः संज्ञान लिए गए मामले पर सुनवाई कर रहा है जो 28 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट पर शुरू किया गया था। इस रिपोर्ट में बताया गया कि आवारा कुततों के काटने से रेबीज होता है, खासकर बच्चों में।

    यह भी पढ़ें: 'चुनाव आयोग संभाल लेगा', आवारा कुत्तों के मामले पर SC का बिहार के मुख्य सचिव को झटका