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    महाराष्ट्र में 31 जनवरी से पहले होंगे स्थानीय निकाय चुनाव, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 03:49 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2026 निर्धारित की है। कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को समय पर कार्रवाई न करने पर फटकार लगाई और स्पष्ट किया कि कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा। न्यायालय ने कहा कि सभी जिला परिषदों पंचायत समितियों और नगर पालिकाओं के चुनाव समय सीमा के भीतर होने चाहिए।

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    SC ने स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अंतिम समय सीमा 31 जनवरी, 2026 तय की है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र में सभी स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अंतिम समय सीमा 31 जनवरी, 2026 तय की है।

    इसके साथ ही, राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को "शीघ्र कार्रवाई करने में विफल" रहने और पूर्व निर्धारित समय-सीमा का पालन करने के लिए फटकार भी लगाई। न्यायालय ने साफ किया कि आगे कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा।

    न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि सभी जिला परिषदों, पंचायत समितियों और नगर पालिकाओं के चुनाव निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरे होने चाहिए।

    'कुछ जरूरत हो तो इस तारीख तक न्यायलय से संपर्क करें'

    आदेश में कहा गया है, "सभी स्थानीय निकायों के चुनाव जनवरी, 2026 तक करा लिए जाएंगे। राज्य या राज्य चुनाव आयोग को आगे कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा। अगर किसी अन्य लॉजिस्टिक सहायता की आवश्यकता हो, तो SEC 31 अक्टूबर, 2025 से पहले इस न्यायालय से संपर्क करे। उसके बाद ऐसी किसी भी प्रार्थना पर विचार नहीं किया जाएगा।"

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    अदालत ने आगे निर्देश दिया कि चल रहे परिसीमन कार्य को 31 अक्टूबर, 2025 तक पूरा किया जाना चाहिए और चेतावनी दी कि इसे चुनाव स्थगित करने का आधार नहीं बनाया जा सकता।

    ये बहाने प्रशासनिक ढिलाई को दर्शाते हैं...

    अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से दिए गए अन्य कारणों, जैसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की अनुपलब्धता, बोर्ड परीक्षाओं के दौरान स्कूल परिसर की कमी और कर्मचारियों की कमी को खारिज कर दिया और कहा कि ये बहाने प्रशासनिक ढिलाई को दर्शाते हैं।

    पीठ ने टिप्पणी की, "हम यह देखने के लिए बाध्य हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग निर्धारित समय-सीमा में इस न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने में विफल रहा है।"

    पीठ ने कहा कि चूंकि बोर्ड परीक्षाएं मार्च 2026 में ही निर्धारित हैं, इसलिए वे जनवरी तक खत्म होने वाले चुनावों में देरी को उचित नहीं ठहरा सकते।

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