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    'सुप्रीम कोर्ट कभी भी प्रधान न्यायाधीश केंद्रित नहीं होनी चाहिए', CJI गवई बोले- सभी जज बराबर के भागीदार

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 30 Jul 2025 11:38 PM (IST)

    भारत के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कभी भी प्रधान न्यायाधीश-केंद्रित अदालत नहीं होनी चाहिए क्योंकि प्रधान न्यायाधीश केवल समानता में पहले हैं। सीजेआइ ने कहा कि उन्होंने हमेशा बार और बेंच को न्याय प्रशासन के संस्थान में समान भागीदार माना है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय सभी न्यायाधीशों और बार के सदस्यों की अदालत होनी चाहिए।

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    'सुप्रीम कोर्ट कभी भी प्रधान न्यायाधीश केंद्रित नहीं होनी चाहिए'- CJI गवई (फाइल फोटो)

     पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कभी भी ''प्रधान न्यायाधीश-केंद्रित अदालत'' नहीं होनी चाहिए, क्योंकि प्रधान न्यायाधीश केवल समानता में पहले हैं। सीजेआइ ने कहा कि उन्होंने हमेशा बार और बेंच को न्याय प्रशासन के संस्थान में ''समान भागीदार'' माना है।

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    प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कही ये बात

    प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के आयोजित एक समारोह में कहा, ''मेरा मानना है कि प्रधान न्यायाधीश केवल समानता में पहले हैं और सर्वोच्च न्यायालय कभी भी प्रधान न्यायाधीश-केंद्रित अदालत नहीं होनी चाहिए।''

    उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय सभी न्यायाधीशों और बार के सदस्यों की अदालत होनी चाहिए। इसलिए वह लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली में विश्वास करते हैं। इसलिए वह जो भी निर्णय लेते हैं, वे पूर्ण अदालत के निर्णय होते हैं।''

    पारंपरिक गर्मी की छुट्टियों को लेकर कही ये बात

    सीजेआइ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले कई वर्षों में 26 मई से 11 जुलाई के बीच आंशिक कार्य दिवसों के दौरान सबसे अधिक मामलों का निपटारा किया है। इस वर्ष शीर्ष अदालत ने अपनी पारंपरिक गर्मी की छुट्टियों को ''आंशिक अदालत कार्य दिवस'' के रूप में पुन: नामित किया था।

    उन्होंने कहा, ''मुझे कहना चाहिए कि आप सभी और मेरे सहयोगियों के सहयोग से हमने पिछले कई वर्षों में आंशिक कार्य दिवसों के दौरान सबसे अधिक मामलों का निपटारा किया है।''

    सीजेआइ ने कहा कि बार के सदस्यों ने हमेशा उन्हें बहुत सारा प्यार और स्नेह दिया है। वास्तव में उन्होंने हमेशा बार और बेंच को न्याय प्रशासन के संस्थान में समान भागीदार माना है। वे न्याय प्रशासन के संस्थान के सुनहरे रथ के दो पहिए की तरह हैं।

     भवन समिति के अध्यक्ष बनने का अवसर मिला- सीजेआई

    बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में अपने दिनों को भी याद करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें बुनियादी ढांचे और भवन समिति के अध्यक्ष बनने का अवसर मिला, उन्होंने निर्णय लिया कि जब भी नए भवनों का निर्माण किया जाएगा, बार संघ के अध्यक्ष और सचिव उस पैनल का हिस्सा होंगे जो योजनाओं को अंतिम रूप देगा।