7 साल की सजा, लेकिन 8 साल तक जेल में रहा दोषी... अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांग लिया स्पष्टीकरण
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि दुष्कर्म का दोषी जिसकी सजा सात साल की थी वह आठ साल से ज़्यादा समय तक जेल में क्यों रहा। जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने राज्य सरकार से दो हफ़्ते में जवाब माँगा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सजा की अवधि पूरी होने के बाद भी दोषी को जेल में रखे जाने से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए दो हफ्ते के भीतर इस बाबत जवाब दाखिल करने को कहा है।
जब कोर्ट के संज्ञान में यह बात आई कि दुष्कर्म का एक दोषी सात साल की सजा पूरी करने के बावजूद आठ साल से ज्यादा समय से जेल में है तो जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि दोषी पर सागर जिलान्तर्गत खुरई स्थित एक ट्रायल कोर्ट में दुष्कर्म सहित अन्य अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत मुकदमा चलाया गया था।
'इतनी गंभीर चूक कैसे हुई'
पीठ ने कहा, 'हम जानना चाहेंगे कि इतनी गंभीर चूक कैसे हुई और याचिकाकर्ता सात साल की पूरी सजा काटने के बाद भी आठ साल से ज्यादा समय तक जेल में क्यों रहा। हम चाहते हैं कि राज्य सरकार इस संबंध में उचित स्पष्टीकरण दे।'
ट्रायल कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और उस पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। पीठ ने अपने आदेश में इस तथ्य को ध्यान में रखा कि दोषी ने हाईकोर्ट में अपील की थी, जहां उसकी याचिका आंशिक रूप से स्वीकार कर ली गई थी।
उसकी सजा को आजीवन कारावास से घटाकर न्यूनतम सात वर्ष के कठोर कारावास में बदल दिया गया था। लेकिन, उसे जेल से रिहा होने का समय छह जून, 2025 को ही मिला। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब आठ सितंबर को होगी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें- इलाहाबाद हाई कोर्ट के 43 बार जमानत याचिका स्थगित करने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, पीठ ने कही ये बात
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।