वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की समयसीमा बढ़ाने की मांग, 28 अक्टूबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट वक्फ संपत्तियों के अनिवार्य पंजीकरण की समयसीमा बढ़ाने की मांग पर 28 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की याचिका पर अधिवक्ता निजाम पाशा ने तत्काल सुनवाई का आग्रह किया है, क्योंकि छह महीने की समय सीमा समाप्त होने वाली है। शीर्ष अदालत ने पहले वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी थी। केंद्र ने वक्फ संपत्तियों की डिजिटल सूची के लिए 'उम्मीद' पोर्टल लॉन्च किया था।

असदुद्दीन ओवैसी की याचिका पर होगी सुनवाई (फोटो: जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ वाई-यूजर्स समेत सभी वक्फ संपत्तियों के 'उम्मीद' पोर्टल पर अनिवार्य पंजीकरण की समयसीमा बढ़ाने की मांग वाली एआईएमआइएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 28 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
अधिवक्ता निजाम पाशा ने प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ से आग्रह किया कि याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है क्योंकि छह महीने की अनिवार्य समय सीमा समाप्त होने वाली है। मंगलवार को ओवैसी की याचिका के साथ 28 अक्टूबर को तत्काल सुनवाई के लिए एक और ऐसी ही याचिका का उल्लेख किया गया।
नई याचिका को सूचीबद्ध करने पर भी विचार
पीठ ने कहा कि वह नई याचिका को भी सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी। शीर्ष अदालत ने 15 सितंबर को एक अंतरिम आदेश में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रमुख प्रविधानों पर रोक लगा दी थी।
साथ ही कहा था कि नए कानून में 'वक्फ बाई यूजर्स' प्रविधान को हटाने का केंद्र का आदेश प्रथमदृष्टया मनमाना नहीं था। इससे पहले नौ अक्टूबर को ओवैसी की ओर से पेश पाशा ने कहा था कि संशोधित कानून में वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए छह महीने का समय दिया गया था।
फैसले के दौरान पांच महीने बीत गए और अब हमारे पास केवल एक महीना बचा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने छह जून को सभी वक्फ संपत्तियों की जियो-टैगिंग के बाद एक डिजिटल सूची बनाने के लिए यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एंपावरमेंट, एफिसिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट, 1995 (उम्मीद) केंद्रीय पोर्टल लांच किया था।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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