Answer Key को लेकर UPSC के फैसले पर लगी 'सुप्रीम' मुहर, अदालत ने कहा- 'बहुत सकारात्मक हुआ'
सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी के सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के बाद उत्तर कुंजी जारी करने के फैसले को सराहा। कोर्ट ने इसे सकारात्मक कदम बताते हुए याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं का निपटारा किया, जिन्होंने उत्तर कुंजी और कट-ऑफ अंक जारी करने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि यूपीएससी ने उचित निर्णय लिया है और याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने का विकल्प दिया।

पीठ ने कहा, 'कुछ बहुत सकारात्मक हुआ है।' (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के बाद ही अनंतिम (प्रोविजनल) उत्तर कुंजी प्रकाशित करने के संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि कुछ 'बहुत सकारात्मक' हुआ है। इसे 'अच्छा घटनाक्रम' बताते हुए जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चंदुरकर की पीठ ने उन अभ्यर्थियों की याचिकाओं का निपटारा कर दिया जिन्होंने यूपीएससी को उत्तर कुंजी, कट-ऑफ अंक और सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित होने वाले अभ्यर्थियों के अंक बताने का निर्देश देने की मांग की थी।
जस्टिस नरसिम्हा ने सुनवाई की शुरुआत में कहा, 'इस बाबत हमने कुछ खबरें पढ़ी हैं।' इस मामले में कोर्ट की सहायता के लिए सीनियर एडवोकेट जयदीप गुप्ता न्यायमित्र नियुक्त किए गए थे। उनहोंने इस मामले में यूपीएससी द्वारा हाल ही में दायर एक हलफनामे का हवाला दिया। पीठ ने कहा, 'कुछ बहुत सकारात्मक हुआ है।'
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि ये याचिकाएं 'गलत प्रश्न' के कारण दायर की गई थीं और याचिकाकर्ताओं ने कई साल गंवा दिए। इस मामले में मुख्य याचिका एडवोकेट राजीव कुमार दुबे के माध्यम से दायर की गई थी। पीठ ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में गलत प्रश्नों का आरोप लगाने वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट पहले भी विचार कर चुका है।
सिब्बल ने यह भी आग्रह किया कि याचिकाकर्ताओं को एक और मौका दिया जाए। पीठ ने याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा, 'हमें यह जानकर खुशी हो रही है कि यूपीएससी ने इस संबंध में निर्णय ले लिया है।' पीठ ने याचिकाकर्ताओं को उचित राहत के लिए हाईकोर्ट जाने का विकल्प खुला छोड़ दिया। गौरतलब है कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में यूपीएससी ने कहा था कि अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही अनंतिम उत्तर कुंजी प्रकाशित की जाएगी।
उसने यह भी कहा था कि मामले के लंबित रहने के दौरान उसने न्यायमित्र के सुझावों सहित विभिन्न कारकों पर विचार-विमर्श किया था। यूपीएससी ने कहा था, 'व्यापक विचार-विमर्श और एक संवैधानिक निकाय के रूप में यूपीएससी को सौंपी गई पवित्र भूमिका को ध्यान में रखते हुए संघ लोक सेवा आयोग एक सचेत और सुविचारित निर्णय पर पहुंचा है - प्रारंभिक परीक्षा आयोजित होने के बाद ही अनंतिम उत्तर कुंजी प्रकाशित करना।'
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