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    सबरीमाला से सोने की हेराफेरी मामले में 9 अधिकारियों पर कार्रवाई करेगा TDB, उठी CBI जांच की मांग

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 09:33 PM (IST)

    केरल हाई कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सोने की हेराफेरी मामले में एसआईटी जांच का आदेश दिया है। यह मामला 1998 में विजय माल्या द्वारा दान किए गए 30.3 किलो सोने से जुड़ा है, जिसका वजन काफी कम पाया गया। त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष ने इस मामले में नौ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की है।

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    सबरीमाला से सोने की हेराफेरी मामले में 9 अधिकारियों पर कार्रवाई करेगा TDB (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में सोने की हेराफेरी मामले में केरल हाई कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआइटी) से जांच कराने का आदेश दिया है, वहीं त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष पीएस प्रशांत ने शनिवार को कहा कि इस मामले में नौ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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    हालांकि सवाल है कि क्या जांच से पता चल सकेगा कि भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या द्वारा दान किया गया सोना कैसे गायब हो गया। दरअसल यह विवाद 30.3 किलो सोने और 1,900 किलो तांबे से जुड़ा है, जिसे 1998 में माल्या ने मंदिर के गर्भगृह और लकड़ी की नक्काशी के लिए दान किया था।

    जांच में क्या सामने आया?

    जांच में पता चला कि सोने की परत का वजन काफी कम हो गया था। प्रेट्र ने प्रशांत के हवाले से बताया, बोर्ड की सतर्कता शाखा ने नौ अधिकारियों की ओर से चूक की पहचान की है। उनमें से एक, देवास्वोम के उपायुक्त बी. मुरारी बाबू के खिलाफ पहले ही कार्रवाई हो चुकी है। बाकी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई 14 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड बैठक में तय की जाएगी।

    जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है, उनमें त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड सचिव जयश्री, कार्यकारी अधिकारी सुधीश, प्रशासनिक अधिकारी श्रीकुमार, और पूर्व थिरुवभारणम आयुक्त केएस बैजू शामिल हैं। प्रशांत ने कहा, बैजू के बाद आए अधिकारी को सोने के वजन में कमी के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने इसकी सूचना नहीं दी।

    CBI जांच की मांग की

    उन्होंने कहा, मौजूदा बोर्ड का मामले से कोई लेना-देना नहीं है। इस बीच केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने इस घोटाले को ''दिनदहाड़े डकैती'' करार दिया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने केरल सरकार और टीडीबी पर घटना को छिपाने का प्रयास करने का आरोप लगाया और अदालत की निगरानी में सीबीआइ जांच की मांग की। वहीं मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा, हम गलत काम करने वाले को कभी नहीं बचाएंगे।