'कहीं कोई झगड़ा नहीं', केंद्र के साथ संबंधों पर संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- 'आरएसएस, भाजपा के लिए फैसले नहीं लेता'
Mohan Bhagwat on BJP आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारे यहां मत भेद हो सकता है लेकिन मन भेद नहीं है। क्या आरएसएस सब कुछ तय करता है? यह पूरी तरह से गलत है। ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता। हम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए निर्णय नहीं लेते।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर समझाया है कि अपने घरों में अपनी भाषा, परंपरा, वेशभूषा और संस्कृति बनाए रखना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि तकनीक और आधुनिकता शिक्षा के विरोधी नहीं हैं। शिक्षा केवल जानकारी नहीं है; यह व्यक्ति को सुसंस्कृत बनाने के बारे में है। नई शिक्षा नीति में पंचकोसीय शिक्षा के प्रावधान शामिल हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) सही दिशा में एक कदम है।
बेहतर समाज का निर्माण
संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर आरएसएस द्वारा 100 वर्ष की संघ यात्रा - 'नए क्षितिज' के तहत अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गुरुवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने परिवार को एकजुट करने के तरीके भी बताए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक-दूसरे के पर्व-त्योहारों में शामिल होकर सामाजिक एकता मजबूत होती है, साथ ही प्रेम और करुणा बढ़ती है।
कानूनी व्यवस्था पर भरोसा
संघ प्रमुख ने कहा कि विवाद या भड़काऊ स्थिति में कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए, बल्कि कानूनी व्यवस्था पर भरोसा करना चाहिए। हमारे देश की विविध संस्कृति में विभिन्न जाति, पंथ, और समुदाय के लोग रहते हैं. इन सबके बीच सौहार्द बनाए रखने और संबंध मजबूत करने के लिए एक-दूसरे के पर्व-त्योहारों में सम्मिलित होना बहुत जरूरी है।
समाज में समरसता
उन्होंने समझाया कि ऐसा करने से सामाजिक दूरियां घटती हैं और विश्वास बढ़ता है। इसके साथ ही समाज में प्रेम और करुणा की भावना पनपती है। दूसरों की खुशियों में शामिल होने से समाज में समरसता आती है और आपसी भेद-भाव कम होते हैं।
कहीं कोई झगड़ा नहीं: आरएसएस प्रमुख
संघ प्रमुख ने कहा, 'हमारा हर सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों, दोनों के साथ अच्छा समन्वय है। लेकिन कुछ व्यवस्थाएं ऐसी भी हैं, जिनमें कुछ आंतरिक विरोधाभास हैं। कुल मिलाकर व्यवस्था वही है, जिसका आविष्कार अंग्रेजों ने शासन करने के लिए किया था। इसलिए, हमें कुछ नवाचार करने होंगे। फिर, हम चाहते हैं कि कुछ हो। भले ही कुर्सी पर बैठा व्यक्ति हमारे लिए पूरी तरह से समर्पित हो, उसे यह करना ही होगा और वह जानता है कि इसमें क्या बाधाएं हैं। वह ऐसा कर भी सकता है और नहीं भी। हमें उसे वह स्वतंत्रता देनी होगी। कहीं कोई झगड़ा नहीं है।'
उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है कि आरएसएस भाजपा के लिए फैसले लेता है। जेपी नारायण से लेकर प्रणब मुखर्जी तक, लोगों ने हमारे बारे में अपना नजरिया बदला है। इसलिए हमें किसी के नजरिए में बदलाव की संभावना से कभी इनकार नहीं करना चाहिए।
#WATCH | Delhi | "No quarrel anywhere…," says RSS chief Mohan Bhagwat on the question whether there are any differences between RSS and BJP
"We are having good coordination with every government, both state govts and central govts. But there are systems which have some… pic.twitter.com/oIiSqMpXJ0
— ANI (@ANI) August 28, 2025
हम भाजपा के लिए फैसले नहीं लेते: संघ प्रमुख
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारे यहां मत भेद हो सकता है, लेकिन मन भेद नहीं है। क्या आरएसएस सब कुछ तय करता है? यह पूरी तरह से गलत है। ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता। मैं कई सालों से संघ चला रहा हूं और वे सरकार चला रहे हैं। इसलिए हम केवल सलाह दे सकते हैं, निर्णय नहीं ले सकते। अगर हम निर्णय ले रहे होते, तो क्या इसमें इतना समय लगता? हम निर्णय नहीं लेते।
#WATCH | Delhi: RSS chief Mohan Bhagwat says, "Humare yahan mat bhed ho sakta hai par mann bhed nahi hai...Does RSS decide everything? This is completely wrong. This cannot happen at all. I have been running the Sangh for many years, and they are running the government.… pic.twitter.com/qClvA9HPFF
— ANI (@ANI) August 28, 2025
यह भी पढ़ें: दुनिया अपनेपन से चलती है, सौदे से नहीं: संघ प्रमुख मोहन भागवत
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।