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    लोगों की सोच बदलने के लिए बेटियों के जन्म पर फीस नहीं लेते डॉ गणेश, 14 सालों से करते आ रहे यह काम

    पुणे के डॉक्टर गणेश रख अपने अस्पताल में बेटियों के जन्म लेने पर उनके परिवार से कोई फीस नहीं लेते। समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक संदेश देने के लिए वह यह काम पिछले 14 वर्षों से करते आ रहे हैं। उनकी इस सेवा की तारीफ उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी कर चुके हैं। बड़ी बात यह है कि वह पिछले 14 वर्षों से ऐसा करते आ रहे हैं।

    By OM Prakash Tiwari Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 27 Aug 2025 06:54 AM (IST)
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    लोगों की सोच बदलने के लिए बेटियों के जन्म पर फीस नहीं लेते डॉ गणेश (फाइल फोटो)

     ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। पुणे के डॉक्टर गणेश रख अपने अस्पताल में बेटियों के जन्म लेने पर उनके परिवार से कोई फीस नहीं लेते। समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक संदेश देने के लिए वह यह काम पिछले 14 वर्षों से करते आ रहे हैं। उनकी इस सेवा की तारीफ उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी कर चुके हैं।

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    डॉक्टर ने नहीं फीस तो हैरान हो गए 

    पिछले दिनों एक गरीब मजदूर ने अपनी पत्नी को प्रसव के लिए डॉ. गणेश की क्लीनिक में भर्ती कराया। प्रसव होने के बाद डॉ. गणेश ने बाहर आकर उसे बधाई देते हुए कहा कि आपके घर में एक परी आई है।

    गरीब मजदूर ने पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलते समय डॉक्टर से पूछा कि अस्पताल की कितनी फीस हुई है। उसे जवाब मिला कि हम बेटियों के जन्म लेने पर फीस नहीं लेते। वह गरीब मजदूर ऐसा अकेला खुशनसीब नहीं है, जिससे डॉ. रख ने फीस नहीं ली।

    पिछले 14 वर्षों से ऐसा करते आ रहे हैं

    वह पिछले 14 वर्षों से ऐसा करते आ रहे हैं। अपने 16 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में अब तक जन्म लेने वाली करीब 2500 बेटियों के स्वजन से उन्होंने कोई फीस नहीं ली है।

    इसका कारण बताते हुए वह डॉ. रख कहते हैं कि हमारे (उनके) पेशे में सबसे मुश्किल काम किसी मरीज के मर जाने पर उसके स्वजन को सूचित करने का माना जाता है। लेकिन मैंने बेटियों के जन्म पर भी लोगों में लगभग वैसा ही भाव देखा।

    बेटों के जन्म पर लोग पूरे अस्पताल में मिठाई बांटते हैं

    बेटों के जन्म पर लोग पूरे अस्पताल में मिठाई बांटते हैं। अस्पताल की मुंह मांगी फीस भी देते हैं। लेकिन बेटियों के जन्म लेने पर उनका मुंह लटक जाता है। मिठाई बांटना तो दूर अस्पताल की फीस देने में भी नाक-भौं सिकोड़ते दिखते हैं।

    करीब 14 साल पहले तीन जनवरी, 2012 को हुई ऐसी ही एक घटना के समय से डॉ. रख ने तय किया कि अब वह बेटियों के जन्म की फीस नहीं लेंगे। लड़की के जन्म की खुशियां मनाएंगे। केक कटवाएंगे, सबको मिठाई बांटेंगे।

    लड़की के जन्म पर लोग खुश नहीं होते

    जो लोग बेटी के जन्म पर फीस चुकाने की हैसियत रखते हैं, क्या उनसे भी फीस नहीं लेते, इसका उत्तर देते हुए डॉ. रख कहते हैं कि बेटे की चाहत तो उनको भी होती है, जिनके पास पैसा होता है। उन्हें भी बहुत ज्यादा खुशी नहीं होती बेटियों के जन्म लेने पर। इसलिए, हम उनसे भी पैसे नहीं लेते। हम तो लोगों की सोच बदलने के लिए अपनी यह मुहिम चला रहे हैं।

    उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने तारीफ

    डॉ. की इस मुहिम की प्रशंसा करते हुए उद्योगपति आनंद महिंद्रा कहते हैं कि मेरी भी दो बेटियां हैं। हमें दो बार अपने घर में परियों के जन्म का अनुभव है। लेकिन हम तो इस डाक्टर को भी किसी देव से कम नहीं मानते।