Trade Agreement: अमेरिका के बाद EU से भी अंतरिम व्यापार समझौता संभव, भारत ने रखी ये शर्तें
अमेरिका में दोनों देशों के बीच विभिन्न सेक्टर पर लगने वाले शुल्क को लेकर वार्ता चल रही है और भारत अपने रोजगारपरक सेक्टर पर शून्य शुल्क के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। गत अप्रैल में अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगा दिया था जिसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी आठ जुलाई से पहले अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते की पूरी उम्मीद की जा रही है और उसके बाद जुलाई-अगस्त में यूरोपीय यूनियन (ईयू) के साथ भी भारत अंतरिम व्यापार समझौता कर सकता है।
अमेरिका में दोनों देशों के बीच विभिन्न सेक्टर पर लगने वाले शुल्क को लेकर वार्ता चल रही है और भारत अपने रोजगारपरक सेक्टर पर शून्य शुल्क के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। गत अप्रैल में अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगा दिया था जिसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है।
भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका में 10 प्रतिशत का लगता है शुल्क
इस 90 दिनों की अवधि आगामी आठ जुलाई को समाप्त हो रही है और वाणिज्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक आगामी आठ जुलाई से पहले दोनों देश व्यापार समझौते पर अंतरिम व्यवस्था कर सकते हैं। अभी भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका में 10 प्रतिशत का शुल्क लगता है।
भारत चाहता है कि रोजगारपरक सेक्टर के लिए यह 10 प्रतिशत शुल्क भी शून्य हो जाए जिससे अमेरिका के बाजार में भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा क्षमता काफी बढ़ जाएगी।
हालांकि अमेरिका के बाजार में भारतीय वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क को शून्य करवाने के लिए भारत भी अमेरिका की कई वस्तुओं पर शुल्क में राहत दे सकता है। अमेरिका भारत के बाजार में कृषि उत्पादों का निर्यात करना चाहता है, लेकिन भारत सिर्फ गैर जेनिटिकली मोडिफायड (जीएम) कृषि उत्पादों को ही अपने बाजार में आने की अनुमति देगा।
डेयरी जैसे संवेदनशील उत्पादों को भी शुल्क समझौते में शामिल करने की उम्मीद नहीं है। हाल ही में भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर वार्ता की सफल समाप्ति हुई है और अगले दो-तीन महीने में दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। जल्द ही भारत ओमान के साथ भी मुक्त व्यापार समझौता कर सकता है।

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