Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झूठ बोलने में सबके बाप हैं डोनाल्ड ट्रंप... अमेरिकी दूतावास ने ही खोल दी अपने राष्ट्रपति की पोल

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 10:00 PM (IST)

    खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएसएड पर भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर की राशि खर्च करने के आरोप लगाए थे जो गलत साबित हुए। अमेरिकी दूतावास ने भारतीय विदेश मंत्रालय को बताया कि 2014 से 2024 के बीच यूएसएड ने भारत में वोटरों की संख्या बढ़ाने के लिए कोई वित्तीय योगदान नहीं दिया।

    Hero Image
    भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर खर्च करने की कही थी बात (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अपने राजनीतिक हितों के लिए किसी पर भी आरोप लगाना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नई बात नहीं है। ऐसा लग रहा है कि फरवरी, 2025 के दौरान उन्होंने अमेरिकी एजेंसी यूएसएड पर भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर की राशि खर्च करने के जो आरोप लगाए थे वह भी झूठे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उनकी इस बात की कलई किसी और ने नहीं बल्कि अमेरिकी दूतावास ने ही खोल दी है। अमेरिकी दूतावास ने जुलाई 2025 में भारतीय विदेश मंत्रालय को पूरी जानकारी दी है कि वर्ष 2014 से वर्ष 2024 के दौरान यूएसएड ने भारत में वोटरों की संख्या बढ़ाने के लिए किसी 2.1 करोड़ डॉलर की राशि का योगदान नहीं दिया था। यह सूचना राज्य सभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति व‌र्द्धन सिंह ने गुरुवार को साझा की है।

    ट्रंप करते रहते हैं गलतबयानी

    भारत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की यह पहली गलत बयानी नहीं है। आपरेशन ¨सदूर के बाद वह कम से कम 35 बार यह दावा कर चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को उनके हस्तक्षेप की वजह से ही रोका जा सका। राष्ट्रपति ट्रंप यह भी कहते हैं कि जब उन्होंने कारोबार रोकने की धमकी दोनों पड़ोसी देशों को दी तब जा कर उन्होंने युद्ध रोका। भारत इससे साफ तौर पर इनकार कर चुका है।

    दरअसल, फरवरी, 2025 में (दोबारा राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद) राष्ट्रपति ट्रंप ने यूएसएड एजेंसी को बंद करने का फैसला किया था और इस दौरान कम से कम पांच बार भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर देने का आरोप लगाया था। उन्होंने मियामी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन की बैठक सहित विभिन्न मंचों पर भी यहीं बात कही। साथ ही पूर्व बाइडन सरकार पर भी आरोप लगाया कि वह यूएसएड के जरिए वर्ष 2024 में भारत के आम चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की थी।

    विदेश मंत्रालय ने मांगी थी जानकारी

    विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि 16 फरवरी, 2025 को अमेरिका की यूएस डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एजेंसी (डोज) ने यूएसएड की 48.6 करो़ड़ डॉलर की फंडिंग को रोकने (इसमें भारत को वोटर टर्नआउट के लिए 2.1 करोड़ डॉलर की राशि भी शामिल) की घोषणा की थी। 28 फरवरी को भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी दूतावास को इस बारे में पत्र लिख कर पूरा ब्यौरा मांगा। इसमें किन एनजीओ को पैसा दिया गया, इसकी भी जानकारी मांगी गई।

    इसके जबाव में दो जुलाई, 2025 को अमेरिकी दूतावास ने पत्र लिखा जिसमें बताया कि, यूएसएड, भारत को ना तो 2.1 करोड़ डॉलर की राशि मिली और ना ही उसने भारत में वर्ष 2014 से वर्ष 2025 को ऐसी राशि दी। साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि भारत में वोटरों की संख्या बढ़ाने के लिए यूएसएड कोई गतिविधि नहीं चलाती।

    29 जुलाई, 2025 को अमेरिकी दूतावास ने यह भी बताया कि 15 अगस्त, 2025 से यूएसएड का संचालन बंद हो जाएगा। बाद में 11 अगस्त को आर्थिक मामले के विभाग को अमेरिकी दूतावास ने बता दिया कि भारत सरकार के साथ यूएसएड ने साझेदारी को लेकर जो सात समझौते किये थे, उन्हें बंद किया जा रहा है।

    यह भी पढ़ें- 'ट्रंप की अब तक की सबसे बड़ी गलती', भारत पर टैरिफ लगाने पर US राष्ट्रपति को अपनों ने ही लताड़ा; एक्सपर्ट्स ने क्या-क्या कहा?