अमेरिका के नये 40 प्रतिशत टैरिफ का भारतीय कंपनियों पर कितना पड़ेगा असर? रेटिंग एजेंसी मूडीज ने समझाई पूरी ABCD
अमेरिका द्वारा लगाए गए 40% पारगमन शुल्क से भारत और आसियान देशों की कंपनियों को परेशानी हो सकती है। मूडीज के अनुसार, मशीनरी, बिजली उपकरण और सेमीकंडक्टर क्षेत्रों पर असर पड़ेगा। यह शुल्क उन वस्तुओं पर है जो तीसरे देशों के माध्यम से अमेरिका भेजी जाती हैं। अस्पष्टता आसियान देशों के लिए जोखिम पैदा करती है, जिससे एशिया-प्रशांत सप्लाई चेन को नुकसान हो सकता है।

अमेरिका ने लगाया 40 प्रतिशत टैरिफ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा लगाए गए 40 प्रतिशत पारगमन शुल्क (शुल्क से बचने के लिए तीसरे देश के रास्ते सामान भेजने पर लगने वाला टैक्स) से भारत और आसियान देशों की कंपनियों के लिए बड़ी दिक्कतें पैदा होंगी। रेटिंग एजेंसी मूडीज के मुताबिक, इसका खासा असर मशीनरी, बिजली उपकरण और सेमीकंडक्टर क्षेत्रों पर पड़ने की आशंका है।
अमेरिका ने इन पर लगाया 40 प्रतिशत टैरिफ
मूडीज ने मंगलवार को 'एशिया-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार' पर केंद्रित अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप प्रशासन 'पारगमन शुल्क' को किस तरह परिभाषित करेगा। लेकिन इस कदम के निशाने पर मुख्य रूप से चीन में उत्पादित ऐसी वस्तुएं हैं, जो तीसरे देशों के जरिये अमेरिका भेजी जाती हैं। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पारगमन शुल्क से जुड़ी अस्पष्टता आसियान देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए जोखिम पैदा करेगी।
भारतीय कंपनियों पर कितना पड़ेगा असर?
यदि अमेरिका इस परिभाषा को सीमित रखता है और केवल चीन से आयातित, हल्के रूप से प्रसंस्कृत या दोबारा लेबल लगाकर भेजी वस्तुओं को ही शामिल करता है तो क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं पर इसका असर सीमित रहेगा। इसके उलट, यदि अमेरिका पारगमन की व्यापक व्याख्या अपनाता है और उन वस्तुओं को भी शामिल करता है जिनमें चीनी सामग्री का कोई भी महत्वपूर्ण अंश है, तो इससे एशिया-प्रशांत सप्लाई चेन को गंभीर आर्थिक नुकसान हो सकता है। मूडीज ने कहा कि तीसरे देश के रास्ते आने वाले उत्पाद अधिकतर 'मध्यवर्ती कच्चे माल' के रूप में होते हैं।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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