उल्टा पड़ने वाला है ट्रंप का दांव! भारत पर टैरिफ लगाने से प्रभावित होगी अमेरिका की इकोनॉमी, अभी से दिखने लगे संकेत
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इससे मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ने के साथ-साथ विकास भी प्रभावित होने की आशंका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए टैरिफ से अमेरिकी जीडीपी 40 से 50 आधार अंकों तक गिर सकती है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा भारी टैरिफ लगाने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने की आशंका जाहिर की गई है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे न केवल मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ेगा बल्कि विकास भी प्रभावित होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए टैरिफ से अमेरिकी जीडीपी 40 से 50 आधार अंकों तक प्रभावित हो सकती है।
रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अमेरिका में नए मुद्रास्फीति दबाव के संकेत पहले ही उभरने लगे हैं, जिसका मुख्य कारण हालिया टैरिफ और कमजोर डॉलर का प्रभाव है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं जैसे आयात-संवेदनशील क्षेत्रों पर इसका सबसे अधिक असर होगा।
45 अरब डॉलर मूल्य के एक्सपोर्ट पर टैरिफ
रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च टैरिफ और विनिमय दर में उतार-चढ़ाव से पैदा हुए सप्लाई चेन से जुड़े कारकों के चलते अमेरिका में मुद्रास्फीति अब 2026 तक दो प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर रहने की उम्मीद है। अमेरिका ने लगभग 45 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय निर्यात पर टैरिफ लगाया है। इससे कपड़ा, रत्न एवं आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर दबाव पड़ने की उम्मीद है।
हालांकि, अमेरिका में छूट, मौजूदा टैरिफ संरचनाओं और स्थिर घरेलू मांग के कारण फार्मास्यूटिकल्स, स्मार्टफोन और स्टील का निर्यात अपेक्षाकृत सुरक्षित है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि सभी 45 अरब डॉलर मूल्य के निर्यात पर नए 50 प्रतिशत टैरिफ का असर पड़ता है, तो सबसे खराब स्थिति में अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस घाटे में बदल सकता है। रिपोर्ट में इस बात पर उम्मीद जताई गई है कि व्यापार वार्ता से विश्वास बहाल होगा और अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात में सुधार होगा।
भारत का सबसे बड़ा वस्त्र निर्यात गंतव्य है अमेरिका
अमेरिका ने जहां भारतीय वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है, वहीं चीनी निर्यात पर शुल्क 30 प्रतिशत, वियतनामी वस्तुओं पर 20 प्रतिशत, इंडोनेशियाई निर्यात पर 19 प्रतिशत और जापानी उत्पादों पर 15 प्रतिशत रखा है।
अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा वस्त्र निर्यात गंतव्य है। पिछले पांच वर्षों में भारत ने इस क्षेत्र में लगातार अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है जबकि चीन की हिस्सेदारी में गिरावट आई है। यह अमेरिकी सरप्लाई चेन में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है।
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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