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    Waqf Bill: मुस्लिम बस्तियों में 'फैक्ट फाइल', संसद से मंजूरी के बाद वक्फ पर क्या है BJP का नया प्लान?

    Updated: Thu, 03 Apr 2025 09:21 PM (IST)

    वक्फ संशोधन विधेयक संसद से पास होने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। विपक्ष इसे भाजपा के खिलाफ मुस्लिम वोटबैंक साधने का जरिया बना रहा है जबकि भाजपा इसे मुस्लिम महिलाओं और पिछड़े तबकों के लिए सुधारात्मक कदम बता रही है। भाजपा ने तीन अप्रैल को ‘वक्फ आजादी दिवस’ घोषित करने और इसे अल्पसंख्यक समुदाय में प्रचारित करने की योजना बनाई है।

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    भाजपा तीन अप्रैल को ‘वक्फ आजादी दिवस’ मनाएगी। (फोटो सोर्स-पीटीआई)

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक संसद से पास होने के बाद राजनीति के मैदान में इस मुद्दे को गर्माए जाने के साफ संकेत दिखाई दे रहे हैं। मुस्लिम मतों की राजनीति करने वाले विपक्षी दल जहां इसे भाजपा के विरुद्ध भुनाने की तैयारी में हैं तो भाजपा ने भी कमर कस ली है। ऐतिहासिक ट्रिपल तलाक कानून के सहारे मुस्लिम महिलाओं का कुछ विश्वास जीतने वाला भगवा खेमा अब संशोधित वक्फ कानून का इस वर्ग की महिलाओं के साथ ही गरीब और पिछड़े (पसमांदा) मुस्लिमों पर 'मोहिनी अस्त्र' के रूप में प्रयोग करेगा।

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    नए-पुराने कानून का जिक्र कर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच जाएगी भाजपा

    पुराने और नए कानून की फैक्ट फाइल लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अल्पसंख्यक बस्तियों में जाएगा। संसद के दोनों सदनों में दिखा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर घंटों चर्चा हुई। विपक्ष ने गंभीरता से इसमें हिस्सा तो लिया, लेकिन अधिकतर नेता विधेयक के तकनीकी बिंदुओं पर तर्क-वितर्क करने की बजाए न सिर्फ भाजपा को मुस्लिम विरोधी घोषित करने के प्रयास में रहे, बल्कि खुलकर भाजपा को मुस्लिम विरोध बताया भी। इस प्रतिक्रिया के लिए भाजपा पहले से तैयार थी। यही कारण है कि सरकार ने जहां कानून के प्रविधानों पर काम किया, वहीं संगठन ने इसके प्रभाव की राजनीतिक बिसात बिछाने पर दिमाग दौड़ाया।

    I.N.D.I.A के रूप में एक छतरी के नीचे संघर्ष कर रहे कांग्रेस, सपा, डीएमके, राजद, एनसीपी और टीएमसी जैसे दलों की आंखें एकजुट मुस्लिम मतों के अपने पक्ष में मजबूत होने की संभावना को लेकर चमक रही हैं तो भाजपा का दावा है कि इनके चेहरों से नकाब हटाना अब अधिक आसान होगा।

    भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि वक्फ के मुद्दे को जनता के बीच ले जाने की भाजपा की पूरी तैयारी है। निर्णय किया गया है कि यह विधेयक संसद से पारित होने वाली तिथि तीन अप्रैल को वक्फ आजादी दिवस के रूप में घोषित किया जाएगा। इस संदेश के साथ ही भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के 65 हजार पदाधिकारी और 38 लाख सदस्यों को मैदान में उतारने का प्रयास होगा।

    मुस्लिम समाज को भरोसे में लेने की भाजपा की कोशिश?

    मोर्चा के कार्यकर्ता मुस्लिम बस्तियों में बेदारी मुहिम यानी जगाने वाला अभियान चलाएंगे। वह बताएंगे कि किस तरह लाखों-करोड़ों रुपये की वक्फ संपत्ति का दुरुपयोग अब तक कुछ माफिया कर रहे थे। सारे तथ्य सामने रखेंगे कि इस संपत्ति से कितनी आय हो सकती थी और उससे कैसे मुस्लिम समाज का भला होता। चूंकि, कानून में संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड में महिलाओं के साथ ही पिछड़े मुसलमानों की भागीदारी का रास्ता भी खुल रहा है तो यह भी बताया जाएगा कि भाजपा ने गरीब-पिछड़े मुसलमानों के लिए कितना बड़ा काम किया है।

    मोर्चा अध्यक्ष का दावा है कि तीन तलाक कानून ने मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी बदली, सरकार की योजनाओं में गरीब मुस्लिमों को लाभ मिला, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति उनका विश्वास बढ़ा है। इसी तरह से वक्फ संशोधन विधेयक भी मुस्लिम वोटबैंक की राजनीति करने वाले विपक्षी दलों को बेनकाब कर संदेश देगा कि भाजपा बिना भेदभाव उनके हित के लिए भी काम कर रही है।

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